logo-image

Children Day 2019: बच्‍चों में तेजी बढ़ रहा डायबिटीज का खतरा, जानें क्‍यों

Children Day 2019 राष्ट्रीय पोषण सर्वेक्षण (CNNS) द्वारा जारी किए गए नए आंकड़ों की मानें, तो भारत में 19 साल के कम उम्र के लगभग 10 प्रतिशत बच्चे डायबिटीज (Diabetes) के शिकार हैं.

नई दिल्‍ली:

बच्‍चों में डायबिटीज (Diabetes) ! सुनने में भले ही आपको अटपटा लगे पर ये सच है. राष्ट्रीय पोषण सर्वेक्षण (CNNS) द्वारा जारी किए गए नए आंकड़ों की मानें, तो भारत में 19 साल के कम उम्र के लगभग 10 प्रतिशत बच्चे डायबिटीज (Diabetes) के शिकार हैं. पूरी दुनिया जब लोगों को डायबिटीज (Diabetes) के प्रति जागरूक करने के लिए 'वर्ल्ड डायबिटीज (Diabetes) डे' वहीं भारत में इसके साथ ही बाल दिवस यानी चिल्‍ड्रेन डे (Children Day) भी बनाया जा रहा है.

भारत में डायबिटीज (Diabetes) यानी शुगर की बीमारी तेजी से बढ़ रही है. आने वाले समय में भारत डायबिटीज (Diabetes) की राजधानी बन जायगा. अब तक बड़ों की बीमारी के रूप में इसे जाना जाता था पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, यूनिसेफ और जनसंख्या परिषद द्वारा जारी एक रिपोर्ट से पता चलाता है कि 19 वर्ष की आयु तक के 10 प्रतिशत बच्चों में प्री-डायबिटिक अवस्था पाई गई है, जो आगे चलकर डायबिटीक हो सकते हैं.

यह भी पढ़ेंः ज्‍यादा मीठा खाने से नहीं होती शुगर की बीमारी, डायबिटीज के बारे में ये 3 मिथक

रिपोर्ट के मुताबिक आहार और जीवन शैली में परिवर्तन की वजह से इन बच्चों में ब्लड शुगर का लेवल सामान्य से अधिक पाया गया है, जो आगे चलकर इनमें टाइप-2 डायबिटीज (Diabetes) होने का खतरा बढ़ाता है. वहीं ये खतरा डायबिटीज (Diabetes) के इन सभी मामलों में लगभग 90 प्रतिशत का है. भारतीय किशोरो में डायबिटीज (Diabetes) की बात करें तो 2016 में लगभग 72 मिलियन बच्चों को डायबिटीज (Diabetes) था, जो अब बढ़ गया है.

  • 5-7 वर्ष के बीच के 1.3 प्रतिशत बच्चों को डायबिटीज (Diabetes) है
  • 8-9 वर्ष के बीच के 1.1 प्रतिशत बच्चों को डायबिटीज (Diabetes) है
  • 10-14 वर्ष के बीच के 0.7 प्रतिशत बच्चों को डायबिटीज (Diabetes) है
  • 15-19 वर्ष के बीच के 0.5 प्रतिशत बच्चों को डायबिटीज (Diabetes) है

मधुमेह या डायबिटीज (Diabetes) को ऐसे हराएं

आहार और जीवन शैली में परिवर्तन करके हम डायबिटीज (Diabetes) को हरा सकते हैं. फीजिशियन डॉ सुदीप सरन कहते हैं कि अगर अब अपने जीवन-शैली और आहार को ठीक कर लेंगे तो हम मधुमेह को हरा पाएंगे. वहीं डॉ. रविश अग्रवाल कहते हैं कि अगर हम प्री-डायबिटीक लक्षणों के प्रति लोगों को जागरूक करें और उन्‍हें ज्‍यादा से ज्‍यादा इसपर अमल करने के लिए प्रेरित करें तो भविष्य में डायबिटीज (Diabetes) अपने आप कम हो जाएगा.

तनाव, अधिक वजन और मोटापा पर करें कंट्रोल

तनाव, अधिक वजन और मोटापा पर भारतीय अगर कंट्रोल नहीं किए तो डायबिटीज (Diabetes) का बोझ भारत के विकास को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है. इसे रोकने के लिए जरूरी है कि हम अपने बच्चों के जीवन शैली और खान-पान को ठीक करवाएं. बच्‍चों को खेल, एक्सरसाइज और योग आदि को ज्यादा से ज्यादा करने के लिए प्रेरित करें ताकि उन्‍हें इस बीमारी के चंगुल से बचाने में मदद करे.