Open Marriage: आज के जमाने में ओपन मैरेज का ट्रेंड काफी तेजी से बढ़ रहा है. पहले यह ट्रेंड उच्च समाज या अत्यधिक अमीर लोगों तक ही सीमित था, लेकिन आजकल मध्यम वर्ग के लोग भी इसे अपना रहे हैं. भारतीय समाज में जहां शादी को एक पवित्र बंधन माना जाता है वहां खुलेपन के क्या मायने हो सकते हैं? आइए जानते विस्तार से इसके बारे में...
बता दें, ओपन मैरिज नॉन-मोनोगैमी का एक रूप है जिसमें दोनों जोड़े के साझेदारी बात पर सहमत होते हैं कि कोई भी जोड़े विवाह के बाद भी बाहर संबंध रख सकते हैं, इसे बेवफाई नहीं कहा जा सकता है, लेकिन दोनों के सहमति के साथ. इससे दोनों को किसी भी तरह से कोई दिक्कत नहीं होगी. यानी पति अपने लिए तो गर्लफ्रेंड रख सकता है, वहीं अपनी पत्नी के लिए भी बॉयफ्रेंड बना सकता है. ऐसे में कपल का प्रेम संबंध घर के बाहर भी बिना किसी रोक-टोक के बना रहता है.
रिश्ता टूटने का डर
ओपन मैरिज में रिश्ता भले ही कितनी भी एक्साइटिंग क्यों न लगता हो, लेकिन हमेशा कुछ बात का डर हमेशा लगता है, जैसे-अगर इमोशनल अटैचमेंट हो जाए तो अपने मन को कैसे मनाएं. कई बार तो समाज के समाने सच का खौफ पैदा हो जाता है. इससे एंग्जायटी होने का खतरा बढ़ता है जो दिगाग के लिए बिलकुल भी अच्छा नहीं है.
बच्चों पर असर पड़ता है
ओपन मैरिज में इस रिश्ता का राज़ आपके बच्चों के सामने गलती से भी ना खोलें. इससे न सिर्फ आपको शर्मिंदगी उठानी पड़ती है, बल्कि बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी इसका बुरा असर पड़ सकता है. संभव है कि वे अपने माता-पिता की सलाह न लें या भविष्य में वही गलत आदत अपना लें.
यौन संबंधी बीमारी हो सकती है
अगर आप एक से ज्यादा यौन संबंध बनाते हैं तो एड्स, सिफलिस और गोनोरिया जैसी यौन बीमारियों का खतरा रहेगा. साथ ही, आपके पति या पत्नी भी संक्रमित हो सकते हैं, जिससे जान का ख़तरा हो सकता है.
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