आज के युवा रिलेशनशिप में शादी से बचना पसंद कर रहे हैं. लेकिन इसके पीछे सिर्फ ट्रेंड नहीं, बल्कि गहरी मनोवैज्ञानिक और सामाजिक वजह हैं. Gen-Z कपल जब भी शादी की बात करते हैं तो उनमें से एक हमेशा यही बात कहता हैं कि अभी सिर्फ प्यार चाहिए, शादी बाद में देखेंगे. आखिर क्या है ये और क्या है इसके पीछे की वजह. क्या ये आजादी छिनने का डर है या फिर कुछ और. आइए बताते हैं आपको इसके पीछे की सच्चाई.
बचपन का असर
अक्सर जो बच्चे बचपन से ही घर में तनाव, झगड़े, मारपीट जैसे वातावरण में बड़े होते हैं. जिससे उन्हें रिश्तों में भरोसा करने में दिक्कत होती है.
टूटे हुए रिश्ते
जिन लोगों ने बचपन में मां-बाप को अलग होते हुए देखा हो या फिर घर में झगड़े झेले हों तो उन लोगों के मन में शादी को लेकर डर बैठ जाता है.
आत्म-सम्मान
कुछ लोग अंदर से इस तरह टूट जाते हैं कि वे किसी का भरोसा निभा पाएंगे. यही सोच उन्हें गहरे रिश्तों में दूर कर देती है.
कमिटमेंट से डर
अक्सर कमिटमेंट से डरने वाले अक्सर रिश्तों को नाम नहीं देना चाहते. वये सभी संकेत ‘कमिटमेंट फोबिया’ कहलाते हैं.
आजादी की चाह
आज की पीढ़ी आज़ादी को बहुत अहमियत देती है. वह अपनी शर्तों पर जीना चाहती है. सोशल मीडिया, फिल्मों और ओपन सोच ने लिव-इन, दोस्ती और आज़ाद रिश्तों को नॉर्मल बना दिया है.
खुद को बेहतर बनाना
आज के लोग ऐसा रिश्ता चाहते हैं जो उन्हें आगे बढ़ने में मदद करे. अगर कोई रिश्ता उन्हें ग्रोथ, सपोर्ट और पर्सनल डेवलपमेंट नहीं देता तो वे उससे दूरी बना लेते हैं.
क्या है समाधान
एक्सपर्ट के मुताबिक, कमिटमेंट फोबिया दरअसल, एक मेंटल परेशानी है जिसे ठीक किया जा सकता है. आत्ममंथन, खुली बातचीत और ज़रूरत हो तो थेरेपी जैसे उपायों से रिश्ते को बेहतर बनाया जा सकता है.
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