कनाडा के 3 कॉलेज दिवालिया, 2,000 भारतीय छात्र धोखाधड़ी के शिकार
अनिश्चित भविष्य का सामना करने वाले 2,000 से अधिक भारतीय छात्रों ने कनाडा सरकार से उन्हें न्याय दिलाने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की है.
highlights
- भारत से ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे थे 700 स्टूडेंट्स
- तीन कॉलेजों ने खुद को घोषित किया दिवालिया
- इन छात्रों से ट्यूशन फीस में लाखों डॉलर एकत्र किए
टोरोंटो:
पिछले महीने दिवालिया घोषित कर तीन मॉन्ट्रियल कॉलेजों के बंद होने के बाद अनिश्चित भविष्य का सामना करने वाले 2,000 से अधिक भारतीय छात्रों ने कनाडा सरकार से उन्हें न्याय दिलाने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की है. सीसीएसक्यू कॉलेज, एम कॉलेज और सीडीई कॉलेज ने बंद होने से पहले इन छात्रों से ट्यूशन फीस में लाखों डॉलर एकत्र किए थे. इन छात्रों में से कई दोस्तों या रिश्तेदारों के साथ रहने के लिए अलग-अलग शहरों में चले गए हैं. उनका कहना है कि उनके साथ धोखाधड़ी की गई है. वे अपनी दुर्दशा को उजागर करने के लिए रैलियां आयोजित कर रहे हैं. 700 से अधिक छात्र, जो भारत में बैठकर ऑनलाइन कक्षाएं ले रहे थे, उन लोगों में शामिल हैं, जो इन कॉलेजों के बंद होने से प्रभावित हुए हैं.
बुधवार को टोरंटो के उपनगर ब्रैम्पटन में एक रैली में जब कुछ प्रभावित छात्रों और उनके समर्थकों ने न्याय के लिए नारे लगाए, तो उनके चेहरों पर चिंता साफ झलक रही थी. उन्होंने अन्य कॉलेजों से अपना पाठ्यक्रम पूरा करने में मदद करने के लिए कनाडा सरकार द्वारा हस्तक्षेप की मांग करते हुए नारे लगाए. उन्होंने मांग की कि जो लोग अपने पाठ्यक्रम को पूरा करने के करीब थे, उन्हें उनके पुराने क्रेडिट के आधार पर खत्म करने की अनुमति दी जानी चाहिए. कई लोगों ने कहा कि उनके पास पैसे खत्म हो रहे हैं क्योंकि वे कानूनी रूप से सप्ताह में 20 घंटे काम नहीं कर सकते, जैसा कि अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अनुमति है. पंजाब के लोंगोवाल की एक छात्रा मनप्रीत कौर ने कहा कि उसने एम. कॉलेज में सालाना 14,000 डॉलर से अधिक की फीस जमा की थी और जनवरी में चाइल्डहूड एजुकेशन में अपनी कक्षाएं शुरू करने की प्रतीक्षा कर रही थी जब कॉलेज ने दिवालिया घोषित कर दिया.
कनाडा आने से पहले भारत में कंप्यूटर में मास्टर्स करने वाली मनप्रीत ने कहा, 'जब मैं 9 अक्टूबर को कनाडा पहुंची, तो मुझे बताया गया कि चूंकि कॉलेज को पर्याप्त छात्र नहीं मिले, इसलिए जनवरी में कक्षाएं शुरू हो जाएंगी. लेकिन 6 जनवरी को छात्रों को कॉलेज के दिवालिया होने के बारे में एक ईमेल मिला. यह एक घोटाला है.' मेडिकल ऑफिस स्पेशलिस्ट बनने के लिए सीसीएसक्यू कॉलेज में पढ़ रहे करनाल के एक छात्र विशाल राणा ने कहा, 'मेरे 16 महीने के कोर्स में सिर्फ चार महीने बचे थे जब कॉलेज ने पढ़ाई बंद कर दी थी. मुझे नहीं पता कि अब कहां जाना है.'
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