तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान में हालात चिंताजनक बने हुए हैं. तालिबानी आंतक के चलते अफगानी लोग दहशत के साएं में जी रहे हैं. आलम यह है कि अफगानी लोग मुल्क छोड़कर जाने को तैयार हैं. इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन की ओर से बड़ा बयान सामने आया है. बाइडेन ने सोमवार को कहा कि अमेरिका उन अफगानियों को अपने यहां शरण देगा, जिन्होंने लड़ाई में उसकी मदद की थी. अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने ट्वीट में लिखा कि कि बार स्क्रीनिंग और अन्य औपचारिकताएं पूर्ण कर ली जाएं तो अपने उन अफगानियों को अपने यहां स्वागत करेंगे, जिन्होंने युद्ध में हमारी सहायता की थी.
यह भी पढ़ें : अफगानिस्तान में वर्तमान स्थिति पर विदेश मंत्रालय की ब्रीफिंग में भाग लेंगी ममता बनर्जी
आपको बता दें कि जो बाइडेन का ट्वीट ऐसे समय सामने आया है, जब अफगानिस्तान को लेकर पूरी दुनिया अमेरिका की रणनीति पर सवाल उठा रही है. माना जा रहा है कि अमेरिका की ओर से अफगानिस्तान से सेना वापसी के फरमान के बाद ही वहां तालिबान का कब्जा हुआ. ऐसे में अमेरिका पर इंटरनेशनल कम्यूनिटी का बड़ा दबाव था. यही वजह है कि उस दबाव से बाहर आते हुए अमेरिका ने अफगानियों को अपने यहां शरण देने की घोषणा की है. हालांकि अमेरिका की ओर से यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि वह इस बात की पहचान कैसे करेगा कि किन अफगानियों ने युद्ध में उसकी मदद की थी. न ही इसको लेकर अभी आगे की रणनीति पर कोई खुलासा किया है. हां यह बात जरूर राहत पहुंचाने वाली है कि अब अमेरिका में अफगानी लोग शरण पा सकेंगे.
यह भी पढ़ें: थाईलैंड के पर्यटन स्थल पत्ताया के फिर से खुलने की संभावना पर लगा विराम
वहीं, तालिबान के 15 अगस्त को देश के अधिकांश हिस्सों पर तेजी से कब्जा करने के बाद से अफगानिस्तान में स्थिति अनिश्चित बनी हुई है और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने संभावित मानवीय चुनौतियों के खिलाफ चेतावनी दी है और देश में शांति और स्थिरता स्थापित करने में मदद करने की इच्छा व्यक्त की है. सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन के पूर्व विदेश मंत्री और विदेश सचिव डॉमिनिक राब के साथ गुरुवार को फोन पर बातचीत में चीनी स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि 40 साल से अधिक समय के युद्ध के बाद अफगान लोग स्थिरता के लिए तरस रहे हैं और एक और युद्ध और ज्यादा अराजकता नहीं चाहते हैं.
Source : News Nation Bureau