शुभांशु शुक्ला ISS पर पहुंचने वाले पहले भारतीय हैं. फेयरवेल समारोह में शुभांशु शुक्ला ने भारत के लिए संदेश देते हुए कहा कि सारे जहां से अच्छा. 26 जून 2025 को नासा के केनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स के ड्रैगन यान के जरिए शुभांशु शुक्ला और उनके साथी Ax-4 मिशन पर रवाना हुए थे. इस मिशन में अमेरिका के अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन कमांडर के रूप में काम कर रहे थे. वहीं अन्य सदस्य पोलैंड के सावोस्ज उज़नान्स्की और हंगरी के तिबोर कपू थे. इन चारों ने कुल 250 से ज्यादा बार पृथ्वी की परिक्रमा की. 6 मिलियन मील से अधिक दूरी तय की. 17 दिन की इस यात्रा के दौरान अंतरिक्ष यान के दल ने 60 से ज्यादा वैज्ञानिक प्रयोग किए. इसमें माइक्रोएल्गी पर रिसर्च और नई सेंट्रीफ्यूगेशन तकनीकें शामिल हैं.
15 जुलाई को धरती पर आने वाले हैं
फेयरवेल सेरेमनी के बाद 14 जुलाई को दोपहर 2:25 बजे (IST) क्रू स्पेसएक्स के ड्रैगन एयरक्राफ्ट में सवार होगा. वहीं जरूरी प्री-फ्लाइट जांच पूरी करने के बाद शाम 4:34 बजे ISS से अलग हो जाएगा. उनका पृथ्वी पर लौटना 15 जुलाई को दोपहर करीब 3:00 बजे कैलिफोर्निया के तट पर स्प्लैशडाउन के साथ होगा. ISRO के अनुसार, पृथ्वी पर लौटने के बाद शुभांशु शुक्ला को सात दिन के रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम से गुजरना होगा. इस तरह से वे पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण स्थिति में सहज हो सकें.
शुभांशु के स्वागत के लिए हो रही तैयारी
शुभांशु के स्वागत के लिए परिवार के लोग जोरशोर से तैयारियां कर रहे हैं. यह उपलब्धि भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए बड़ा मील का पत्थर माना जा रहा है. राकेश शर्मा के बाद शुभांशु अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं. वहीं ISS पर पहुंचने वाले पहले भारतीय होंगे. उन्होंने भारत की वैज्ञानिक प्रतिष्ठा को अंतरराष्ट्रीय मंच पर और मजबूत किया है. इसने देशभर के युवाओं को प्रेरणा दी है. शुभांशु शुक्ला की यह यात्रा न केवल वैज्ञानिक दृष्टि से बल्कि राष्ट्रीय गौरव के रूप में अहम है.