राम मंदिर के इंतजार में 82 साल की महिला ने 28 साल से नहीं खाया अन्न, अब अयोध्या जाकर तोड़ना चाहती हैं व्रत

राम मंदिर के साथ देशभर में कई लोगों की आस्था भी जुड़ी हुई है. इन्हीं राम भक्तों में एक 82 वर्षीय उर्मिला चतुर्वेदी का भी नाम शामिल है, क्योंकि वह 28 साल से राम मंदिर के लिए व्रत रख रही हैं.

राम मंदिर के साथ देशभर में कई लोगों की आस्था भी जुड़ी हुई है. इन्हीं राम भक्तों में एक 82 वर्षीय उर्मिला चतुर्वेदी का भी नाम शामिल है, क्योंकि वह 28 साल से राम मंदिर के लिए व्रत रख रही हैं.

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Dalchand Kumar
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राम मंदिर के लिए 82 वर्षीय महिला 28 साल से रख रही व्रत, नहीं खाया अन्न( Photo Credit : फाइल फोटो)

अयोध्या (Ayodhya) में भगवान राम की मंदिर निर्माण की तैयारियां जोरों पर हैं. मंदिर निर्माण को लेकर देशभर में उल्लास का माहौल है. अयोध्यावासी भी राम के आगमन के लिए बेहद उत्साहित हैं तो राम मंदिर (Ram Mandir) के साथ देशभर में कई लोगों की आस्था भी जुड़ी हुई है. इन्हीं राम भक्तों में एक 82 वर्षीय उर्मिला चतुर्वेदी का भी नाम शामिल है, क्योंकि वह 28 साल से राम मंदिर के लिए व्रत रख रही हैं. राम भक्त उर्मिला चतुर्वेदी ने 28 साल से अन्न नहीं खाया है और अब वह अपना ये व्रत अयोध्या जाकर ही खोलना चाहती हैं.

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82 साल की उर्मिला चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के जबलपुर की रहने वाली हैं. 28 साल पहले वर्ष 1992 में जब अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाया गया था, उसी समय उर्मिला चतुर्वेदी ने संकल्प लिया था कि जब तक राम मंदिर का निर्माण नहीं होगा तब तक वे अन्न ग्रहण नहीं करेंगी और तभी से वह राम मंदिर निर्माण के लिए व्रत कर रही हैं. उर्मिला चतुर्वेदी का कहना है कि मैंने संकल्प लिया है कि राम मंदिर बन जाए, रामलला जी की मूर्ति वहां पर विराजमान हो जाए. उसके बाद वहां जाकर उनके दर्शन करके, उनके प्रसाद से मैं संकल्प का समापन करना चाहती हूं.

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बुजुर्ग उर्मिला बताती हैं कि अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने के बाद भड़की हिंसा से वे व्यथित थीं और उन्होंने संकल्प लिया था कि जिस दिन सभी की सहमति से राम मंदिर का निर्माण शुरू होगा, उसके बाद ही अन्न ग्रहण करेंगी. छह दिसंबर, 1992 के बाद से वे लगातार फलाहार ले रही हैं और उनका अधिकांश समय रामायण का पाठ करने और माला जपने में गुजरता रहा है.

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उर्मिला देवी उस दिन से खुश हैं, जिस दिन सर्वोच्च न्यायालय ने मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया था. उन्होंने फैसला सुनाने वाले सुप्रीम कोर्ट के जजों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर बधाई दी थी. उर्मिला चतुर्वेदी ने जब उपवास शुरू किया था, तब उनकी उम्र 53 साल थी. पहले लोगों ने उन्हें बहुत समझाया कि उपवास तोड़ दें, लेकिन वे अडिग रहीं. उर्मिला चतुर्वेदी का कहना है कि वे अयोध्या जाकर रामलला के दर्शन करने के बाद ही अन्न ग्रहण करने की इच्छा रखती हैं. उनके लिए राम मंदिर का निर्माण पुर्नजन्म जैसा है.

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