Bhopal: उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सरकारों ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है. दोनों राज्यों के बीच एक महत्वपूर्ण एमओयू (समझौता ज्ञापन) साइन किया गया है, जिसका उद्देश्य गंगा से लेकर नर्मदा तक के धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों को एक पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित करना है.
इस पहल के तहत काशी विश्वनाथ मंदिर (वाराणसी) से लेकर उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर तक विशेष ध्यान दिया जा रहा है. साथ ही ओंकारेश्वर, चित्रकूट, प्रयागराज, अयोध्या, मथुरा-वृंदावन जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों को भी इस सर्किट में शामिल किया जाएगा.
लखनऊ में आयोजित हुआ था कार्यक्रम
एमओयू साइन करने का कार्यक्रम लखनऊ में आयोजित हुआ, जहां उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के पर्यटन मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. इस अवसर पर एमपी के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल, यूपी के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह और एमपी के पर्यटन सचिव शिवशेखर शुक्ला समेत कई गणमान्य मौजूद रहे.
क्या है योजना का उद्देश्य
इस योजना के तहत दोनों राज्यों में मौजूद धार्मिक, सांस्कृतिक, प्राकृतिक और ऐतिहासिक स्थलों को जोड़ते हुए एक ऐसा पर्यटन मार्ग तैयार किया जाएगा, जिससे श्रद्धालु और पर्यटक कम समय में अधिक स्थानों का भ्रमण कर सकें. उदाहरण के लिए प्रयागराज से रीवा होते हुए जबलपुर, अमरकंटक, कान्हा, बांधवगढ़ जैसे नेशनल पार्क और धार्मिक स्थलों को जोड़ा जाएगा.
महत्वपूर्ण बात यह है कि महाकाल एक्सप्रेस जैसी ट्रेन पहले से ही काशी और उज्जैन को जोड़ रही है. अब आने वाले समय में दोनों राज्यों के बीच वायु सेवा और अन्य सुविधाओं के विस्तार की भी संभावना जताई गई है.
नई ऊंचाइयां मिलने की उम्मीद
इस संयुक्त प्रयास से धार्मिक पर्यटन को नई ऊंचाइयां मिलने की उम्मीद है. सरकारें अब जॉइंट टूरिज्म प्रमोशन, मार्केटिंग और टूर पैकेजेस पर भी काम करेंगी, जिससे श्रद्धालुओं को यात्रा, ठहरने, दर्शन और गाइड की सभी सुविधाएं एक ही जगह मिल सकें.
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