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Dussehra 2021: दशहरा पूजा का क्या है शुभ मुहूर्त, जानिए पूजा की विधि और मंत्र

Dussehra 2021: विजयादशमी पूजा का मुहूर्त दोपहर 01:16 से 03:34 बजे तक होगा. शुभ मुहूर्त यानी विजय मुहूर्त दोपहर 02:02 बजे से 02:48 बजे तक रहेगा. 14 अक्टूबर को शाम 06:52 बजे से दशमी तिथि की शुरुआत हो गई है

Updated on: 15 Oct 2021, 09:22 AM

highlights

  • दशहरा के ठीक 20 दिन बाद दिवाली (Diwali 2021) आती है
  • विजयादशमी पूजा का मुहूर्त दोपहर 01:16 से 03:34 बजे तक होगा

नई दिल्ली:

Dussehra 2021 Puja Vidhi, Timings, Muhurat, Mantra: देशभर में आज दशहरा पर्व मनाया जा रहा है. दशहरा हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है. यह हर साल अश्विन (क्वार) मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. इसे असत्य पर बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है. आज ही दिन भगवान राम (Ram) ने लंकापति रावण का वध किया था. चूंकि राम ने इसी दिन रावण पर विजय प्राप्‍त की थी, लिहाजा दशहरा को विजयादशमी (Vijayadashami) के रूप में भी मनाया जाता है. दशहरा के ठीक 20 दिन बाद दिवाली (Diwali 2021) आती है.

दशहरा का महत्व
दशहरा हर्ष-उल्लास और विजय का पर्व है. इस दिन को बुराई पर अच्‍छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है. दशहरे के दिन देशभर में जगह-जगह ऐतिहासिक रामलीला का आयोजन होता है और कई जगहों पर बड़-बड़े मेले लगते हैं. 9 दिन तक रामलीला का आयोजन होता और 10वें दिन रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के विशाल पुतला बनाकर उन्हें जलाया जाता है. रावण का पुतला इस उम्‍मीद में जलाया जाता है कि समाज से बुराइयों का नाश हो सके. दशहरा का पर्व 10 प्रकार के पापों- काम, क्रोध, लोभ, मोह मद, मत्सर, अहंकार, आलस्य, हिंसा और चोरी के परित्याग की सद्प्रेरणा प्रदान करता है. 

दशहरा पूजा मुहूर्त 
विजयादशमी पूजा का मुहूर्त दोपहर 01:16 से 03:34 बजे तक होगा. शुभ मुहूर्त यानी विजय मुहूर्त दोपहर 02:02 बजे से 02:48 बजे तक रहेगा. 14 अक्टूबर को शाम 06:52 बजे से दशमी तिथि की शुरुआत हो गई है और इसकी समाप्ति 15 अक्टूबर को शाम 06:02 बजे होगी.

आज का दिन शक्ति-पूजा का पर्व
हिंदुओं की मान्‍यता के अनुसार, इस दिन लोग शस्त्र-पूजा करते हैं और नया कार्य प्रारम्भ करते हैं. ऐसा विश्वास है कि दशहरे के दिन जो कार्य आरंभ किया जाता है, उसमें विजय मिलती है. कहा जाता है कि प्राचीन काल में राजा महाराजा इसी दिन विजय की प्रार्थना कर रण-यात्रा के लिए प्रस्थान करते थे. ऐसे में दशहरा को शक्ति-पूजा का पर्व के रूप भी जाना जाता है. यहां जानिए शस्त्र पूजन की तिथि...

शस्त्र पूजा से शत्रुओं पर प्राप्त होती है विजय 
इस दिन घर के अस्त्र-शस्त्र को इकठ्ठा कर गंगाजल छिड़ककर उन्हें शुद्ध करें. सभी शस्त्रों पर हल्दी-कुमकुम का टीका लगाएं. साथ ही फूल इत्यादि भी चढ़ाएं. शस्‍त्र पूजन के दौरान शमी के पत्तों का प्रयोग अवश्‍य किया जाना चाहिए. दशहरा के दिन नया वाहन खरीदना काफी शुभ माना जाता है.