UAE Ki Kahani: सही प्लानिंग और रणनीतियों ने यूएई को बनाया अमीर देश

क्या आपने कभी सोचा है कि जिस जगह पर सिर्फ रेत ही रेत थी, उस देश ने ऐसा क्या किया कि वह दुनिया के सबसे अमीर देशों में से एक बन गया? इस खबर में हम आपको बताएंगे कि यूएई ने अपनी कहानी कैसे लिखी.

क्या आपने कभी सोचा है कि जिस जगह पर सिर्फ रेत ही रेत थी, उस देश ने ऐसा क्या किया कि वह दुनिया के सबसे अमीर देशों में से एक बन गया? इस खबर में हम आपको बताएंगे कि यूएई ने अपनी कहानी कैसे लिखी.

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Ravi Prashant
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how uae became rich

यूएई की कहानी Photograph: (Freepik AI)

संयुक्त अरब अमीरात (UAE) दुनिया के सबसे अमीर देशों में से एक है. दुबई और अबू धाबी जैसे शहरों में गगनचुंबी इमारतें, महंगी कारें और शानदार जीवनशैली देखकर यह सवाल उठता है कि यूएई इतना अमीर कैसे बना? इसका सफर 50 साल पहले एक रेगिस्तानी इलाका होने से शुरू होकर अब एक वैश्विक आर्थिक केंद्र बनने तक का है. तो आइए जानते हैं इसके पीछे की पूरी कहानी क्या है, जिसके कारण यूएई की गिनती अमीर देशों में होने लगी.

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कैसे यूएई बना अमीर देश? 

यूएई पहले एक साधारण रेगिस्तानी इलाका था, जहां के लोग मोती निकालने (Pearl Diving) और मछली पकड़ने पर निर्भर थे. लेकिन 1950 के दशक में यहां तेल के विशाल भंडार मिले. 1962 में अबू धाबी ने पहली बार तेल का निर्यात किया और देखते ही देखते अर्थव्यवस्था में भारी बदलाव आ गया. तेल की बिक्री से अरबों डॉलर की आमदनी हुई, जिससे देश में सड़कों, इमारतों, अस्पतालों और स्कूलों का निर्माण शुरू हुआ.

विजनरी लीडरशिप और सही प्लानिंग

यूएई के पहले राष्ट्रपति शेख जायद बिन सुल्तान अल नाहयान ने तेल की कमाई को सिर्फ खर्च करने के बजाय इसे सही तरीके से निवेश किया. साल 1971 में 7 अमीरात (अबू धाबी, दुबई, शारजाह, अजमान, उम्म अल-क्वैवैन, फुजैरा और रस अल-खैमा को मिलाकर UAE का गठन हुआ.इसके बाद गर्वमेंट ने शानदार प्लानिंग तैयार किया. सरकार ने तेल से होने वाली कमाई को इंफ्रास्ट्रक्चर, हेल्थ, शिक्षा और पर्यटन में लगाया.

तेल पर निर्भरता घटाकर व्यापार और टूरिज्म पर फोकस

यूएई ने जल्द ही यह समझ लिया कि केवल तेल पर निर्भर रहना सही नहीं होगा. ऐसे में दुबई को एक ग्लोबल व्यापार केंद्र बनाया गया, जहां दुनिया भर की कंपनियां अपने दफ्तर खोलने लगीं. बुर्ज खलीफा, पाम जुमेराह, लग्जरी होटल और शॉपिंग मॉल्स बनाकर टूरिज्म को बढ़ावा दिया गया.दुबई और अबू धाबी को दुनिया के सबसे बड़े बिजनेस और फाइनेंशियल हब के रूप में विकसित किया गया.

टैक्स-फ्री इकॉनमी और फॉरेन इन्वेस्टमेंट

यूएई में इनकम टैक्स नहीं है, जिससे दुनिया भर के अमीर लोग यहां आकर निवेश करते हैं. दुबई और अबू धाबी में फ्री-इकोनॉमिक जोन बनाए गए, जहां विदेशी कंपनियां बिना ज्यादा टैक्स दिए अपना बिजनेस कर सकती हैं.इससे लाखों प्रवासी (Indian, Pakistani, European) यहां नौकरी करने आने लगे, जिससे देश की अर्थव्यवस्था और मजबूत हुई.

एयरलाइंस और लॉजिस्टिक्स हब बनना

यूएई ने दुनिया की सबसे बेहतरीन एयरलाइंस “एमिरेट्स” को शुरू किया, जिससे यह ग्लोबल ट्रांसपोर्टेशन हब बन गया. दुबई अब इंटरनेशनल एयरपोर्ट आज दुनिया के सबसे बिजी एयरपोर्ट्स में से एक है.यूएई की अमीरी सिर्फ तेल पर निर्भर नहीं है, बल्कि स्मार्ट लीडरशिप, बिजनेस फ्रेंडली माहौल, टूरिज्म और विदेशी निवेश की वजह से यह देश इतना सफल बना है.

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