Sambhal: संभल में पांच दिन पहले 46 साल से बंद प्राचीन कार्तिकेश्वर महादेव मंदिर खोला गया है. मंदिर के पास स्थित कुएं से खुदाई के दौरान मिली मूर्तियों की अब कार्बन डेटिंग होगी. कार्बन डेटिंग के लिए एएसआई की टीम संभल पहुंचेगी. शुक्रवार से शरू होने वाली जांच में मूर्तियों की उम्र की पहचान की जाएगी. कलेक्टर डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने एएसआई को पत्र भेजकर इसकी कार्बन डेटिंग की है.
मूर्तियां मिलने के बाद कुएं की खुदाई रोकी
खग्गुसराय में बिजली चोरी अभियान के दौरान, प्राचीन मंदिर और कुआं मिला था. 46 साल बाद मंदिर के कपाट खोले गए. मंदिर के बगल में पाट दिए गए कुएं में तीन देवी-देवताओं की खंडित प्रतिमाएं मिली हैं. इनके पुरातन महत्व का अब तक कोई पता नहीं लगा है. मूर्तियां मिलने के बाद खुदाई रोक दी गई है.
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मंदिर में लगा श्रद्धालुओं का ताता
कपाट खुलने के बाद से मंदिर में रोजाना बड़ी संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं. वे यहां पूजा-पाठ कर रहे हैं. प्राचीन स्थल की पुरातनता के कारण लोगों की उत्सुकता बढ़ गई है. एएसआई तीन खंडित प्रतिमाओं के समय, मूर्ति के पत्थर और तकनीक का पता लगाएगी.
क्या होती है कार्बन डेटिंग
कार्बन डेटिंग एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है. इसकी मदद से पुरातन वस्तुओं, मूर्तियों और संरचनाओं की उम्र का पता लगाया जाता है. कार्बन डेटिंग से पता चलेगा कि कार्तिकेश्वर महादेव मंदिर, मूर्तियों और कुएं का निर्माण कितने साल पहले हुआ था.