Ghazipur News: गाजीपुर के ददरी घाट पर इन दिनों एक रहस्यमय पत्थर चर्चा का विषय बना हुआ है. करीब डेढ़ से दो क्विंटल वजनी यह पत्थर गंगा के जल में तिनके की तरह तैरता दिखाई दे रहा है. यह दृश्य न सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए चमत्कार है, बल्कि दूर-दराज़ से भी लोग इसे देखने पहुंच रहे हैं. कोई इसे भगवान श्रीराम के रामसेतु से जुड़ा पत्थर मान रहा है, तो कोई वैज्ञानिक कारणों की ओर इशारा कर रहा है.
घाट पर उमड़ पड़ी भीड़
स्थानीय निवासी गुल्लू चौधरी और उनकी पत्नी सोनी देवी ने बताया कि यह पत्थर गंगा में बहता हुआ मिला था. उनका बेटा सनी इस पत्थर को रस्सी की मदद से घाट पर लेकर आया. शुरुआत में लोगों को लगा कि यह पत्थर फोम जैसा हल्का होगा, लेकिन उठाने पर यह काफी भारी निकला. इसके बाद से घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है.
लोग मान रहे दैविक चमत्कार
कुछ ग्रामीणों का मानना है कि यह पत्थर भगवान श्रीराम के रामसेतु से जुड़ा हो सकता है, जहां त्रेता युग में नल-नील नामक वानरों ने पत्थरों को पानी पर तैराया था. पुजारी और श्रद्धालु इसे आस्था से जोड़ते हुए पूजा-पाठ और जयकारा कर रहे हैं. कई लोग इसे 'दैविक चमत्कार' मान रहे हैं.
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क्या कहते हैं विशेषज्ञ
हालांकि, कुछ स्थानीय लोगों और विशेषज्ञों का कहना है कि यह पत्थर देखने में सीमेंट जैसा लगता है. रिपोर्ट्स के अनुसार, वैज्ञानिकों ने इसे 'फ्यूमिस' नामक ज्वालामुखी पत्थर का प्रकार बताया है, जो लावा से बनता है और हल्के होने के कारण पानी में तैर सकता है. भारत में ऐसा ज्वालामुखी न होने के चलते इसकी उत्पत्ति पर संदेह बना हुआ है.
श्रद्धालु मांग कर रहे हैं कि इस पत्थर को एक मंदिर में स्थापित किया जाए ताकि लोग वहां नियमित पूजा-अर्चना कर सकें. फिलहाल, प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन स्थानीय प्रशासन और वैज्ञानिक इसकी जांच में जुटे हैं.
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