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कर्नाटक हिजाब बैन मामले में अगली सुनवाई पांच सितंबर को, SC ने लगाई फटकार 

कर्नाटक हिजाब बैन मामले में अगली सुनवाई पांच सितंबर को होगी. आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह मामले का परीक्षण करने को तैयार है.

Updated on: 29 Aug 2022, 01:00 PM

highlights

  • कर्नाटक HC ने हिजाब पर प्रतिबंध को बरकरार रखा था
  • हिजाब बैन को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज किया था
  • हिजाब बैन पर सुनवाई टालने की मांग पर SC काफी खफा हुआ

नई दिल्ली:

कर्नाटक हिजाब बैन मामले में अगली सुनवाई पांच सितंबर को होगी. आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह मामले का परीक्षण करने को तैयार है. इससे पहले हिजाब बैन पर सुनवाई टालने की मांग पर कोर्ट काफी खफा हुआ. मुस्लिम याचिकाकर्ताओं के वकीलों से जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कहा कि पहले आप लगातार जल्द सुनवाई की मांग कर रहे थे. अब सुनवाई टालने की मांग हो रही है. उन्होंने दो सप्ताह बाद सुनवाई की मांग को भी ठुकरा दिया. 

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार यानि आज कर्नाटक में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब बैन को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की. कर्नाटक हाईकोर्ट ने 15 मार्च को दिए निर्णय में हिजाब पर प्रतिबंध को बरकरार रखा था. इस फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को पूर्व न्यायधीश एनवी रमना के कार्यकाल के दौरान सूचीबद्ध नहीं किया जा सका था. इन याचिकाओं को तुरंत सूचीबद्ध करने की मांग की गई थी. इसके बाद जस्टिस यूूयू ललित के मुख्य न्यायाधीश बनने के बाद इन मामलों को तेजी से सूचीबद्ध किया गया. 

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याचिका में लगाए गए आरोप

गौरतलब है कि कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के आदेश को बरकरार रखा है. इसे शीर्ष अदालत में चुनौती दी गई है. इसे लेकर कई अपीलें दायर की गई हैं. एक में सरकारी अधिकारियों के सौतेले व्यवहार का आरोप लगाया गया. अपील में कहा गया है कि उच्च न्यायालय अपने आदेश को लागू करने में विफल रहा है और स्थिति की गंभीरता और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 के निहित मौलिक अधिकारों के मूल पहलू को नहीं समझ सका है. इसमें कहा गया है कि हिजाब या हेडस्कार्फ पहनना इस्लाम का अभिन्न भाग है. 

क्या है मामला

आपको बता दें कि कर्नाटक हाईकोर्ट ने बीते दिनोें सरकार द्वारा हिजाब बैन को सही ठहराया था. वहीं हिजाब बैन को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था. इसके बाद कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेशों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई.