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सलमान रुश्दी पर हमले को लेकर बोले बाइडेन, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला   

भारतीय मूल के लेखक सलमान रुश्दी पर जानलेवा हमले की अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कड़ी निंदा की है. कहा, हम सभी अमेरिकी और दुनियाभर के लोग उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं.

Updated on: 14 Aug 2022, 07:45 AM

highlights

  • हमलावर न्यूजर्सी का रहने वाला 24 वर्षीय मतार है
  • सलमान रुश्दी अभी खतरे से बाहर नहीं हैं
  • दुनियाभर में इस हमले को लेकर निंदा हो रही है

नई दिल्ली:

भारतीय मूल के लेखक सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) पर जानलेवा हमले की अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने कड़ी निंदा की है. शनिवार को बाइडेन ने बयान जारी करते हुए कहा कि न्यूयॉर्क में सलमान पर हुए हमले को लेकर वे और जिल काफी दुखी थे. जिल बाइडेन उनकी पत्नी हैं. जो बाइडेन ने कहा, हम सभी अमेरिकी और दुनियाभर के लोग उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं. बाइडेन ने कहा कि यह हमला अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है. गौरतलब है कि पश्चिमी न्यूयॉर्क के चौटाउक्का में एक कार्यक्रम के दौरान एक शख्स अचानक से मंच पर आ गया और उन पर ताबड़तोड़ हमले कर दिए. पहले रुश्दी पर मुक्के चलाने शुरू किए, इसके बाद हमलावर ने रुश्दी पर चाकुओं से वार किया.     

 

हमलावर न्यूजर्सी का रहने वाला 24 वर्षीय मतार है. उसे न्यूयॉर्क पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. मतार पर हत्या का प्रयास और हमला करने के आरोप लगाए गए हैं. मतार को चौटाउक्का काउंटी जेल भेजा गया है. इस बीच ऐसी खबर है कि उसने अपना जुर्म स्वीकार नहीं किया है. 

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9 साल तक छिपकर रहना पड़ा

सलमान रुश्दी अभी खतरे से बाहर नहीं हैं. उनका लिवर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है. उनकी आंख खोने का खतरा बना हुआ है. दुनियाभर में इस हमले को लेकर निंदा हो रही है. खासकर साहित्य जगत में इसे लेकर घोर निराशा है. आपको बता दें कि रुश्दी को  ‘द सैटेनिक वर्सेज’ लिखने के बाद सालों तक इस्लामी चरमपंथियों से मौत की धमकियां मिलती रहीं. 1988 में किताब के बाजार में आने के बाद उन्हें 9 साल तक छिपकर रहना पड़ा. इस किताब को लेकर  ईरान के तत्कालीन सर्वोच्च धार्मिक नेता आयतुल्ला खामनेई ने रुश्दी पर ईशनिंदा का आरोप लगाया था. इसके साथ उनकी हत्या करने का फतवा जारी किया था.