Health Insurance: भागदौड़ भरी जिंदगी में बीमारियों का जोखिम तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस लेना हर किसी के लिए बेहद जरूरी हो गया है, लेकिन अब तक एक बड़ी समस्या यह थी कि बीमा का क्लेम तभी मिलता था जब मरीज कम से कम 24 घंटे अस्पताल में भर्ती रहता था. अब यह पुराना नियम बदल चुका है और कई बड़ी बीमा कंपनियों ने यह शर्त हटा दी है. अब महज दो घंटे भी अस्पताल में गुजारना पड़े हैं तो आप क्लेम के हकदार बन जाते हैं.
अब सिर्फ 2 घंटे के इलाज पर भी मिलेगा क्लेम
अब मरीज को बीमा राशि पाने के लिए पूरे दिन अस्पताल में भर्ती रहने की जरूरत नहीं है. कुछ कंपनियां केवल 2 घंटे के हॉस्पिटलाइजेशन पर भी क्लेम स्वीकार कर रही हैं. यह बदलाव चिकित्सा क्षेत्र में हो रही तेज प्रगति और तकनीकी विकास को ध्यान में रखकर किया गया है. डे-केयर प्रोसीजर्स जैसे मोतियाबिंद, पथरी, कीमोथेरेपी, डायलिसिस, एंजियोग्राफी आदि अब कुछ ही घंटों में पूरे हो जाते हैं और मरीज उसी दिन घर लौट सकता है.
तकनीकी प्रगति बनी बदलाव की वजह
पहले जहां मरीजों को साधारण ऑपरेशनों के लिए 3-4 दिन अस्पताल में रहना पड़ता था, वहीं अब लेजर तकनीक, रोबोटिक सर्जरी और आधुनिक उपकरणों की मदद से ये प्रक्रियाएं कुछ घंटों में ही पूरी हो जाती हैं. बीमा कंपनियों ने इस बदलाव को स्वीकारते हुए अब शॉर्ट टर्म हॉस्पिटलाइजेशन के लिए भी क्लेम देना शुरू कर दिया है.
कौन-कौन सी बीमा कंपनियों ने नियम बदले?
ICICI लोम्बार्ड Elevate Plan:
10 लाख रुपए का कवर और सालाना प्रीमियम 9,195 (30 वर्षीय व्यक्ति के लिए)।
Care Supreme Health Insurance:
10 लाख का कवर, प्रीमियम 12,790 रुपए सालाना।
Niva Bupa Health Insurance:
10 लाख का कवर और सालाना प्रीमियम 14,199 रुपए।
इन सभी योजनाओं में अब 24 घंटे की अनिवार्यता नहीं है, जिससे आम लोगों को त्वरित इलाज के साथ-साथ वित्तीय सुरक्षा भी मिल सकेगी.
मरीजों को होगा सीधा लाभ
इस नए बदलाव से मरीजों को सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि अब उन्हें छोटी सर्जरी या जांच के लिए अपनी जेब से पैसा खर्च नहीं करना पड़ेगा. इससे न केवल बीमा की उपयोगिता बढ़ेगी, बल्कि लोगों का स्वास्थ्य के प्रति भरोसा भी मजबूत होगा.
बता दें कि हेल्थ इंश्योरेंस अब पहले से ज्यादा लचीला और व्यावहारिक हो गया है. 24 घंटे की बाध्यता खत्म होने से आम लोग भी आसानी से इसका लाभ उठा सकेंगे. यह कदम भारत के स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र में एक सकारात्मक क्रांति है, जो इलाज को और अधिक सुलभ व सस्ता बना रहा है.
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