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नितिन गडकरी: ऊर्जावान व्यक्तित्व और सब को साथ लेकर चलने की ख़ूबी

अपने ऊर्जावान व्यक्तित्व और सब को साथ लेकर चलने की ख़ूबी की वजह से वे सदा अपने वरिष्ठ नेताओं के प्रिय बने रहे.

Updated on: 18 Aug 2021, 12:16 PM

नई दिल्ली:

नितिन गडकरी केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री है. राजनीति में गडकरी अपने बेबाक बोल और साफ-सुथरी छवि के लिए णशहूर हैं. छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय गडकरी जब एक बारअखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में सक्रिय हुए तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा. 1989 में वे पहली बार महाराष्ट्र विधान परिषद के लिए चुने गए, और आखिरी बार 2008 में विधान परिषद के लिए चुने गए. वे महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता भी रहे हैं. उनकी पहचान ज़मीन से जुड़े एक कार्यकर्ता के साथ-साथ एक राजनेता और एक सफल उद्यमी की भी हैं.  

नितिन गडकरी का जन्म 27 मई 1957 को महाराष्ट्र के नागपुर ज़िले में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ. वे कामर्स में स्नातकोत्तर हैं इसके अलावा उन्होंने कानून तथा बिजनेस मनेजमेंट की पढ़ाई भी की है. पढाई पूरी होने के बाद उनके सामने जब करियर चुनने का सवाल आया तो पहले वह वकालत करने की सोचे लेकिन वकालत को छोड़कर वह पूरी तरह राजनीति को अपना करियर बनाया. नितिन गडकरी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली पहली सरकार में सड़क परिवहन और राजमार्ग के साथ जहाज़रानी, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री भी रह चुके हैं. इससे पहले 2010-2013 तक वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे. बावन वर्ष की आयु में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष बनने वाले वे इस पार्टी के सबसे कम उम्र के अध्यक्ष थे।  

गडकरी सफल उद्यमी हैं। वह एक बायो-डीज़ल पंप, एक चीनी मिल, एक लाख 20 हजार लीटर क्षमता वाले इथानॉल ब्लेन्डिंग संयत्र, 26 मेगावाट की क्षमता वाले बिजली संयंत्र, सोयाबीन संयंत्र और को जनरेशन ऊर्जा संयंत्र से जुड़े हैं। गडकरी ने 1976 में नागपुर विश्वविद्यालय में भाजपा की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की। बाद में वह 23 साल की उम्र में भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने. 

अपने ऊर्जावान व्यक्तित्व और सब को साथ लेकर चलने की ख़ूबी की वजह से वे सदा अपने वरिष्ठ नेताओं के प्रिय बने रहे. 1995 में वे महाराष्ट्र में शिव सेना- भारतीय जनता पार्टी की गठबंधन सरकार में लोक निर्माण मंत्री बनाए गए और चार साल तक मंत्री पद पर रहे. महाराष्ट्र सरकार में लोक निर्माण मंत्री के रूप में उनके द्वारा किए गये कार्यों की राष्ट्रय स्तर पर चर्चा हुई. वे अपने अच्छे कामों के कारण प्रशंसा में रहे.