Kanwar Yatra: सावन का पावन महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और इस दौरान खासकर सोमवार के दिन शिवालयों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है. कानपुर शहर में गंगा तट पर स्थित शिव मंदिरों का धार्मिक महत्व काफी अधिक है. सिद्धनाथ मंदिर, परमठ मंदिर और खेरेश्वर महादेव जैसे प्रमुख मंदिरों में हर साल सावन के सोमवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक करने पहुंचते हैं.
गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने के चलते प्रशासन सतर्क
हर वर्ष की तरह इस बार भी भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है, लेकिन गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने के चलते प्रशासन को इस बार विशेष सतर्कता बरतनी पड़ी है. बीते दिनों घाटों पर स्नान के दौरान कई हादसे सामने आए हैं, जहां कुछ लोग डूबते-डूबते बचे, वहीं कुछ को प्रशासन को कड़ी मशक्कत कर बचाना पड़ा. इन घटनाओं से सबक लेते हुए कानपुर प्रशासन ने इस बार गंगा घाटों पर कड़े इंतजाम किए हैं.
भक्तों को घाट पर जाने की अनुमति
प्रशासन ने आदेश दिया है कि जो श्रद्धालु मंदिरों में दर्शन के लिए आएंगे, उन्हें गंगा घाट की तरफ जाने की अनुमति नहीं होगी. घाट और मंदिर के बीच बैरिकेडिंग के साथ-साथ हरे पर्दों से अस्थाई तौर पर रास्तों को बांट दिया गया है, ताकि कोई श्रद्धालु गलती से भी गंगा की ओर न जा सके. केवल स्नान के लिए आने वाले भक्तों को ही घाट की ओर जाने की अनुमति दी जाएगी.
लगाए गए सीसीटीवी कैमरे
इसके अलावा, हर संवेदनशील घाट पर पुलिस बल की तैनाती की गई है. CCTV कैमरे लगाए गए हैं ताकि भीड़ की निगरानी की जा सके और जरूरत पड़ने पर तुरंत कार्रवाई की जा सके. वरिष्ठ अधिकारी स्वयं व्यवस्थाओं का समय-समय पर निरीक्षण कर रहे हैं. मंदिर प्रशासन से भी लगातार समन्वय बनाए रखा जा रहा है ताकि कोई भी स्थिति उत्पन्न होने पर तत्काल समाधान किया जा सके.
भक्तों से की गई अपील
प्रशासन की यह कोशिश है कि श्रद्धालुओं की आस्था और सुरक्षा दोनों का संतुलन बना रहे. सावन के सोमवार को बिना किसी अनहोनी के शांतिपूर्वक संपन्न कराना ही अधिकारियों की प्राथमिकता है. भक्तों से भी अपील की गई है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और अपने साथ-साथ दूसरों की भी सुरक्षा का ध्यान रखें.
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