नोएडा में साइबर फ्रॉड सिंडिकेट का भंडाफोड़, मुख्य आरोपी गिरफ्तार
गुजरात बना ‘क्रूज भारत मिशन’ का नेतृत्व करने वाला पहला राज्य, समुद्री पर्यटन को मिलेगा नया आयाम
सरकार को वित्त वर्ष 2025 के लिए 3 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से 5,304 करोड़ रुपए का लाभांश मिला
SL vs BAN: 3 ODI मैच, 243 रन, अब इस खतरनाक खिलाड़ी ने जड़ दिया शानदार शतक
पटना : गोपाल खेमका की हत्या के पीछे जमीन विवाद, 4 लाख रुपए दी गई थी सुपारी
पाकिस्तान की एंटी-टेररिज्म कोर्ट ने मानवाधिकार कार्यकर्ता माहरंग बलूच को 10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा
वक्फ पर बयान देकर राजनीतिक रोटी सेंकना चाहती है कांग्रेस : अर्जुन मुंडा
नेपाल-चीन बॉर्डर पर फटा बादल, 18 लोग लापता, सर्च अभियान जारी
मर्दाना ताकत बढ़ाने के लिए, रोज रात को दूध में मिलाकर करें इस चीज का सेवन

लखनऊ में बैंक से 146 करोड़ चोरी का प्रयास असफल, 10 कर्मचारी निलंबित

लखनऊ में उत्तरप्रदेश कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड से 146 करोड़ रुपए चोरी के प्रयास को बैंक कर्मियों ने निष्फल कर दिया. साइबर हैकर्स बैंक के एक पूर्व कर्मचारी की मिलीभगत से चोरी का प्रयास कर रहे थे. बैंक के एमडी ने मामले में उत्तरप्रदेश पुलिस के साइबर सेल में केस दर्ज कराया है और बैंक के 10 कर्मियों को निलंबित कर दिया है. इनमें बैंक की हजरतगंज शाखा के मैनेजर, कैशियर व गार्ड शामिल है.

लखनऊ में उत्तरप्रदेश कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड से 146 करोड़ रुपए चोरी के प्रयास को बैंक कर्मियों ने निष्फल कर दिया. साइबर हैकर्स बैंक के एक पूर्व कर्मचारी की मिलीभगत से चोरी का प्रयास कर रहे थे. बैंक के एमडी ने मामले में उत्तरप्रदेश पुलिस के साइबर सेल में केस दर्ज कराया है और बैंक के 10 कर्मियों को निलंबित कर दिया है. इनमें बैंक की हजरतगंज शाखा के मैनेजर, कैशियर व गार्ड शामिल है.

author-image
IANS
New Update
146 करोड़ चोरी

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

लखनऊ में उत्तरप्रदेश को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड से 146 करोड़ रुपए चोरी के प्रयास को बैंक कर्मियों ने निष्फल कर दिया. साइबर हैकर्स बैंक के एक पूर्व कर्मचारी की मिलीभगत से चोरी का प्रयास कर रहे थे. बैंक के एमडी ने मामले में उत्तरप्रदेश पुलिस के साइबर सेल में केस दर्ज कराया है और बैंक के 10 कर्मियों को निलंबित कर दिया है. इनमें बैंक की हजरतगंज शाखा के मैनेजर, कैशियर व गार्ड शामिल है.

Advertisment

बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बैंक की सुरक्षा व्यवस्था का संभाल रही सिक्योरिटी एजेंसी को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है. बैंक के दो सेवानिवृत्त अधिकारियों आरएस दूबे और जीएस चौहान को हिरासत में लिया गया है व आईटी विभाग से आडिट की भी मांग की गई है.

मामले की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि हैकर्स ने बैंक की हजरतगंज शाखा की सुरक्षा व्यवस्था में घुसपैठ कर चोरी की कोशिश की.

चोरी का यह मामला तब सामने आया जब बैंक अधिकारियों ने अचानक देखा कि बैंक के खाते से अन्य बैंकों के सात खातों में 146 करोड़ रुपया ऑनलाइन डेबिट हो गया. इस पर अधिकारियों ने तत्काल फंड को ब्लॉक करते हुए साइबर अपराधियों के बैंक से ठगी के प्रयास के प्रयास को निष्फल कर दिया.

फंड को ब्लॉक करने के बाद अधिकरियों ने बैंक के उच्चाधिकारियों से संपर्क किया और फंड को फ्रीज करते हुए उसके लेन-देन को निरस्त कर दिया.

सूत्रों का कहना है कि मामले में बैंक के एक पूर्व कर्मचारी की भूमिका जांच के घेरे में है. कहा जा रहा है कि यह कर्मचारी एक अज्ञात व्यक्ति के साथ बैंक की शाखा में आया था और बैंक के सिस्टम से छेड़छाड़ की थी.

करोड़ों रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर करने के लिए यूपीसीबी के दो कर्मचारियों की आईडी का इस्तेमाल किया गया. पुलिस तीन कर्मचारियों से भी पूछताछ कर रही है.

साइबर सेल के पुलिस अधीक्षक त्रिवेणी सिंह ने कहा कि ऑडिट विशेषज्ञ लेन-देन में इस्तेमाल होने वाले कंप्यूटरों की फॉरेंसिक ऑडिट करेंगे.

सिंह ने कहा कि बैंक के सभी सिस्टम पासवर्ड से सुरक्षित थे. ऐसे में मामले में प्रतीत होता है कि बैंक के ही किसी कर्मचारी ने इसकी जानकारी लीक की. इसलिए कर्मचारियों की भूमिका जांच के दायरे में है.

मामले में जिन लोगों को निलंबित किया गया है, उनमें महाप्रबंधक (जीएम) अशोक कुमार, जीएम (वित्त) केडी पाठक, डिप्टी जीएम राजनाथ सिंह, सहायक जीएम विवेक सिंह, ध्रुव राज सिंह, प्रबंधक मेवालाल, सहायक प्रबंधक अजय कुमार, सहायक प्रबंधक (आरटीजीएस सेल) अजय, कैशियर विकास कुमार पांडे और गार्ड विजय बहादुर मौर्य शामिल हैं.

यूपीसीबी के महाप्रबंधक वी.के. मिश्रा के मुताबिक अज्ञात आरोपी ने बैंक की ऑनलाइन सुरक्षा व्यवस्था में सेंध लगाकर 15 अक्टूबर को बैंक के आधिकारिक खाते से 72 करोड़ रुपये निकाल लिए.

हालांकि बैंक अधिकारियों ने समय पर निकासी का पता लगा लिया और खाते को फ्रीज करके पैसे बचा लिए.

इससे पहले कि हैकर्स दूसरा लेनदेन पूरा कर पाते, उसी खाते से 74 करोड़ रुपये निकालने की एक और कोशिश को रोक दिया गया.

मिश्रा ने कहा कि बैंक का पैसा सुरक्षित है. आरोपी एक पैसा भी नहीं निकाल पाए.

उन्होंने कहा कि बैंक अधिकारियों ने अज्ञात लोगों के खिलाफ साइबर अपराध प्रकोष्ठ में प्राथमिकी दर्ज कराई.

मिश्रा ने कहा कि हमारे संज्ञान में आया है कि जिस दिन वारदात को अंजाम देने का प्रयास किया गया शनिवार सुबह करीब 8.30 बजे सेवानिवृत्त बैंक प्रबंधक अपने सहयोगी के साथ बैंक की हजरतगंज शाखा का दौरा किया था. कुछ संदिग्ध आचरण प्रतीत होने पर गार्ड शैलेंद्र कुमार ने उनका पीछा भी किया था. उल्लेखनीय है कि उस दिन बैंक कर्मचारी मौजूद नहीं था.

साइबर क्राइम सेल के डीआईजी एन. कोलानाची ने कहा कि आश्चर्यजनक बात यह है कि अपराधियों को बैंक के खाते के पासवर्ड के बारे में पता था. हमारी टीम यह जानने की कोशिश कर रही है कि सिस्टम हैक किया गया था या पासवर्ड से समझौता किया गया था. 2-3 दिनों में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी.

Source : IANS

hindi news Lucknow Crime news UP News latest-news Cyber ​​Crime Bank Fraud 146 crore co-oprative bank
      
Advertisment