वकीलों के लिए ड्रेस कोड पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय हुआ सख्त, कही ये बड़ी बात

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वर्चुअल सुनवाई के दौरान बहु-रंगीन शर्ट और बनियान में पेश होने वाले वकीलों पर कड़ा रुख अपनाया है. हाल ही में एक वकील को स्कूटर पर यात्रा करते हुए सुनवाई में भाग लेते देखा गया था.

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वर्चुअल सुनवाई के दौरान बहु-रंगीन शर्ट और बनियान में पेश होने वाले वकीलों पर कड़ा रुख अपनाया है. हाल ही में एक वकील को स्कूटर पर यात्रा करते हुए सुनवाई में भाग लेते देखा गया था.

author-image
Ravindra Singh
एडिट
New Update
Allahabad High Court

इलाहाबाद हाई कोर्ट( Photo Credit : फाइल)

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वर्चुअल सुनवाई के दौरान बहु-रंगीन शर्ट और बनियान में पेश होने वाले वकीलों पर कड़ा रुख अपनाया है. हाल ही में एक वकील को स्कूटर पर यात्रा करते हुए सुनवाई में भाग लेते देखा गया था. अदालत ने एक मामले की सुनवाई के दौरान अपने आदेश में कहा, अधिवक्ताओं की आकस्मिक पोशाक में उपस्थिति किसी भी परिस्थिति में बहुत अनुचित और अस्वीकार्य है. अधिवक्ताओं को यह समझना चाहिए कि उनके घर या कार्यालय या कक्ष से वर्चुअल मोड के माध्यम से मामलों की सुनवाई के लिए उनकी उपस्थिति एक विस्तारित अदालत कक्ष की तरह है और यह उसी तरह से गंभीर है, जैसा अदालत में एक कार्यवाही के दौरान होता है.

Advertisment

सिंगल जज बेंच ने वकीलों के लिए ड्रेस कोड भी निर्धारित किया है. अदालत ने कहा, "वर्चुअल मोड में अदालत में पेश होने के दौरान उन्हें 'सादी सफेद शर्ट/सफेद सलवार-कमीज/सफेद साड़ी' पहननी होती है. जिस परिसर से वे प्रकट होते हैं, वहां शांतिपूर्ण वातावरण के साथ सभ्य और प्रस्तुत करने योग्य पृष्ठभूमि होनी चाहिए. अदालत के प्रति चौकस रहें. अगर वे काला कोट भी पहनते हैं तो यह बहुत अच्छा होगा.

आदेश में आगे कहा गया है, आज वर्चुअल मोड के माध्यम से वर्तमान मामले की सुनवाई करते हुए, एक पक्ष की ओर से पेश एक वकील कॉलर वाली शर्ट पहने हुए दिखाई दिया और उसके आचरण पर आपत्ति जताए जाने के बाद भी कोई पछतावा नहीं दिखाया. अपने आदेश में, अदालत ने इस तरह की उपस्थिति के पिछले उदाहरणों का हवाला दिया, जिसमें 'फेस पैक के साथ एक महिला वकील', एक वकील 'स्कूटर चलाते समय', और 'बनियान पहने' अदालत के सामने पेश हुए थे.

साइबर क्राइम को लेकर हुआ सख्त मांगी थी रिपोर्ट
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने लखनऊ के पुलिस अधीक्षक (साइबर सेल) को एक साल के भीतर राज्य में साइबर धोखाधड़ी में दर्ज एफआईआर की संख्या, वर्तमान स्थिति जांच, फ्रॉड निकासी की कुल राशि, पीड़ित को वसूल की गई धनराशि और इस प्रकार की धोखाधड़ी गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए किए जा रहे प्रयास का उल्लेख करते हुए एक व्यक्तिगत हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है. अदालत ने साइबर अपराध और नागरिकों के बैंक खातों से धोखाधड़ी से पैसे निकालने को गंभीरता से लिया है. इसके अलावा, पुलिस अधीक्षक (अपराध / साइबर सेल) प्रयागराज को भी पिछले एक साल में जिले में की गई ऑनलाइन धोखाधड़ी के बारे में इसी तरह के विवरण का उल्लेख करते हुए एक पूरा चार्ट प्रदान करने का निर्देश दिया गया है.

Source : News Nation Bureau

allahabad high court इलाहाबाद उच्च न्यायालय allahabad hc HC angry on Dress Code Lawyers of HC इलाहाबाद हाईकोर्ट Allahabad ड्रेस कोड पर हाई कोर्ट सख्त
Advertisment