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घर खरीदारों के लिए बड़ी खुशखबरी, इस राज्य ने स्टाम्प ड्यूटी में की भारी कटौती

महाराष्ट्र सरकार के इस कदम का फायदा 31 दिसंबर तक घर खरीदने की चाह रखने वाले लोग उठा सकते हैं. अब तक पांच प्रतिशत स्टांप ड्यूटी लगाई जाती थी, जो घटाकर अब दो प्रतिशत की जाएगी.

Updated on: 29 Aug 2020, 02:42 PM

नई दिल्ली :

मुंबई महानगर क्षेत्र और पुणे में घर खरीदारों के लिए सुनहरा मौका सामने आया है. स्टांप ड्यूटी (Stamp Duty) कम करने के महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) के हालिया फैसले ने मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) और पुणे के दो प्रमुख संपत्ति बाजारों में तैयार संपत्तियों (रेडी-टू-मूव) को अधिक आकर्षक बना दिया है. एनरॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स की रिपोर्ट में यह बात कही गई है. दरअसल महाराष्ट्र सरकार ने घर खरीदने के इच्छुक लोगों को एक बड़ा तोहफा दिया है. सरकार ने स्टांप ड्यूटी में भारी कटौती का फैसला किया है.

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31 दिसंबर तक घर खरीदने की योजना बना रहे लोग उठा सकते हैं फायदा
महाराष्ट्र सरकार के इस कदम का फायदा 31 दिसंबर तक घर खरीदने की चाह रखने वाले लोग उठा सकते हैं. अब तक पांच प्रतिशत स्टांप ड्यूटी लगाई जाती थी, जो घटाकर अब दो प्रतिशत की जाएगी. सरकार के इस कदम से लोगों को काफी फायदा होगा. फिलहाल सरकार की तरफ से यह सुविधा सिर्फ 31 दिसंबर तक के लिए ही उपलब्ध है. अगर कोई व्यक्ति 31 दिसंबर के बाद यानी एक जनवरी से लेकर 31 मार्च 2021 के दौरान घर खरीदेगा तो उसे तीन प्रतिशत स्टांप ड्यूटी चुकानी होगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस पर कोई जीएसटी लागू नहीं है और इस तरह से महाराष्ट्र सरकार की सीमित अवधि के स्टांप ड्यूटी के आलोक में एमएमआर और पुणे में होमबॉयर्स के लिए रेडी-टू-मूव घर सबसे आकर्षक विकल्प हैं.

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दोनों शहरों में वर्तमान में कुल 33,500 इकाइयां या घर तैयार हैं. एमएमआर में 18,500 तैयार इकाइयां हैं, जबकि पुणे में 15,000 इकाइयां हैं. एनरॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स के निदेशक और अनुसंधान प्रमुख प्रशांत ठाकुर ने कहा कि जीएसटी छूट, स्टांप ड्यूटी और लगभग दो दशकों में सबसे कम होम लोन ब्याज दरों का संयोजन एक मजबूत तर्क है, जो अब रेडी-टू-मूव घरों का पक्ष ले रहा है. अगर हम डेवलपर्स द्वारा पेश किए जा रहे प्रोत्साहन में अतिरिक्त कारक हैं, तो राज्य में खरीदार शून्य प्रतीक्षा/त्वरित संतुष्टि घरों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जो एक विशेष लाभ के साथ हैं. निमार्णाधीन श्रेणी की बात करें तो अगले 6-7 महीनों में पूरी होने वाली संपत्तियां अगले अच्छे विकल्प हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि इन्हें जीएसटी से छूट नहीं होगी, फिर भी इनकी कीमत तैयार घरों को देखते हुए पांच से 10 प्रतिशत से कम ही रहेगी.