Sai Baba: भारत के मंदिरों में अथाह दान आता है…ये बात सिर्फ एक कहावत मात्र नहीं है. बल्कि एक सच्चाई है. एक दिन पहले गुरु पूर्णिमा पर शिरडी के साईं बाबा को किसी अज्ञात दानकर्ता ने 59 लाख रुपय़े का स्वर्ण मुकुट दान किया है. मुकुट का वजन 566 ग्राम है. इसकी अब चारों ओर चर्चा शुरू हो गई है.
Sai Baba: सोन के मुकुट के साथ-साथ ये भी किया दान
अज्ञात दानकर्ता ने 59 लाख रुपये का सिर्फ सोने का मुकुट ही नहीं चढ़ाया है, बल्कि 54 ग्राम वजनी सोने के फूल और दो किलो के चांदी का एक हार भी चढ़ाया है. दान करते वक्त दानकर्ता ने अपना नाम, नंबर और पता नहीं बताया है.
Sai Baba: गुरु पूर्णिमा पर लाखों भक्त पहुंचे मंदिर
गुरु पूर्णिमा पर लाखों लोगों ने साईं बाबा के दर्शन किए. मंदिर में भीड़ इतनी थी कि करीब पांच घंटे तक लंबी कतारेें लही रहीं. दान के बारे में साईं ट्रस्ट शिरडी के सीईओ गोरक्ष गाडिलकर ने बताया कि ये सिर्फ धन की दृष्टि से ही मूल्यवान नहीं है बल्कि स्वर्ण मूकुट बाबा के प्रति गहरी भक्ति और श्रद्धा का भी प्रतीक है. स्वर्ण मुकुट और हार सिर्फ एक धातु नहीं है, बल्कि वह साईं भक्त की हृदय से भक्ति औरप कृतज्ञता का भी प्रमाण है.
Sai Baba: हर साल भारी मात्रा में आता है चढ़ावा
उन्होंने बताया कि साईं बाबा के मंदिर में गुरु पूर्णिमा 1908 से मनाई जा रही है. हर साल देश भर के भक्त बड़ी संख्या में यहां आते हैं. हर साल मंदिर में भारी चढ़ावा आता है. सीईओ ने बताया कि देश-विदेश से लोग मंदिर में साईं बाबा के दर्शन के लिए आते हैं.
Sai Baba: 61 देशों में साईं के प्रशंसक रहते हैं
मंदिर के सीईओ ने आगे कहा कि 61 से अधिक देशों में साईं बाबा के चाहने वाले रहते हैं, जो हर साल यहां आते हैं और बाबा की पूजा-अर्चना करते हैं. उन्होंने बताया कि जर्मनी, श्रीलंका और कोलंबिया के भक्त अभी भी मंदिर में हैं.
Sai Baba: क्यों मनाया जाता है गुरु पूर्णिमा
गुरु पूर्णिमा हर साल मनाई जाती है. इस दिन लोग अपने गुरुओं को याद करते हैं और उनकी पूजा-अर्चना करते हैं. गुरु पूर्णिमा महार्षि वेदव्यास जी की याद में मनाई जाती है. गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है.