Maharashtra: महाराष्ट्र में मानसून की शुरुआत के साथ अमरावती में चिखलदरा हिल स्टेशन हरियाली और सफेद धुंध से नहाया नजर आ रहा है. इस खूबसूरत मौसम का लुत्फ उठाने बीते वीकेंड (12-14 जुलाई) को करीब एक लाख से ज्यादा पर्यटक पहुंचे. भीड़ इतनी जबरदस्त रही कि परतवाडा से चिखलदरा तक करीब 10 किलोमीटर लंबा जाम लग गया.
प्रशासन की ट्रैफिक योजना हुई फेल
धामणगाव गढ़ी से चिखलदरा जाने और लौटने के लिए प्रशासन ने घटांग मार्ग तय किया था, लेकिन भारी भीड़ के सामने ये योजना नाकाम साबित हुई. शनिवार रात से लेकर रविवार शाम तक परतवाडा, मोथा, नगर परिषद नाका और धामणगांव गढ़ी के मार्गों पर गाड़ियां रेंगती नजर आईं.
भीड़ से थकी पुलिस और वन विभाग
पर्यटन स्थल पर भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस और वन विभाग के कर्मचारी भी पस्त हो गए. धामणगांव गढ़ी चेक पोस्ट पर सुबह से ही गाड़ियों की लंबी कतारें लग गई थीं.
शव यात्रा भी जाम में फंसी
ट्रैफिक जाम का असर स्थानीय लोगों पर भी पड़ा. रविवार को एक शव यात्रा जाम में अटक गई, जिससे परिजनों को अंतिम संस्कार स्थल तक करीब दो किलोमीटर पैदल चलना पड़ा.
हजारों पर्यटक लौटे बिना घूमे
भीड़ इतनी अधिक थी कि सैकड़ों लोग अपनी गाड़ियों से उतर भी नहीं पाए. कई लोगों ने 4 से 5 घंटे लाइन में खड़े रहने के बाद थककर लौटने का फैसला किया.
खाने-पीने के सामानों के दामों में उछाल
स्थानीय दुकानदारों ने पर्यटकों की मजबूरी का फायदा उठाया. एक समोसा 50 रुपए और एक बेसन पोली 250 रुपए में बेचा गया. न तो पीने का साफ पानी मिला, न ही शौचालय की व्यवस्था, जिससे पर्यटकों में भारी नाराजगी देखी गई.
होटल, लॉज और ढाबे पूरी तरह फुल
परतवाडा, अकोला, धामणगांव गढ़ी और बैतूल रोड तक के सभी होटल और लॉज में 'हाउसफुल' का बोर्ड टंगा रहा. भोजनालयों में ऑर्डर से लेकर खाना मिलने तक घंटों इंतजार करना पड़ा. पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्थानीय प्रशासन को भीड़ प्रबंधन, ट्रैफिक कंट्रोल और बुनियादी सुविधाओं पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है, ताकि आने वाले दिनों में ऐसी अव्यवस्था दोबारा न हो.
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