शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए अलग-अलग विटामिन की जरूरत होती है। सभी विटामिन के साथ विटामिन B12 का होना भी बेहद जरूरी है क्यूंकि इसकी कमी के कारण शरीर को कई समस्याओं का समाना करना पड़ सकता है।
डायग्नोस्टिक लेबोरेटरी मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर के डेटा विश्लेषण के अनुसार चेन्नई में पांच में से एक व्यक्ति विटामिन B12 की कमी की समस्या जूझ रहा है।
2 लाख महिलाओं सहित 3 लाख से अधिक नमूनों के टेस्ट से पता चला कि नौ शहरों में 15% से अधिक आबादी में विटामिन की कमी है।
विटामिन डीएनए, नर्व और रक्त कोशिकाओं को मस्तिष्क स्वस्थ रहने और प्रतिरक्षा को बढ़ाने में मदद करने के अलावा शरीर को पैदा करने में मदद करता है। हमारा शरीर को अंडे, मीट की मदद से विटामिन B12 मिलता है।
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चेन्नई में, 18.25% आबादी का परीक्षण किया गया और उनमे विटामिन B12 की कमी को पाया गया।
50 वर्ष से अधिक उम्र के लोग और पाचन समस्याओं से पीड़ित लोगों को विटामिन की कमी होने का का अधिक जोखिम रहता है। विटामिन B12 की कमी को पुरूषों में ज्यादा पाया गया।
विटामिन B 12 की कमी को नजरअंदाज करने से गंभीर मानसिक रोग जैसे सिजोफ्रेनिया होने का भी जोखिम बढ़ जाता है।
सिजोफ्रेनिया एक गंभीर मानसिक बीमारी है, जो कि सोचने-समझने, महसूस करने और व्यवहार करने की क्षमता पर भी असर डालती है।
शरीर को प्रतिदिन 2.4 माइक्रोग्राम विटामिन B12 आवश्यकता होती है और हमारे शरीर ने इसकी अधिक मात्रा को एकत्र रखने की जरूरत है। हमारा शरीर B12 को 30 वर्षों तक सुरक्षित रख सकता है क्योंकि अन्य विटामिनों के विपरीत, यह हमारी मांसपेशियों और शरीर के अन्य अंगों विशेषकर लिवर में भंडारित रहता है।
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विटामिन 'B' का सेवन वायु प्रदूषण के प्रतिकूल प्रभावों को कम करता है। यह एक शोध में पता चला है। शोध के निष्कर्ष में बताया गया है कि जब हवा में मौजूद धूलकणों का व्यास 2.5 माइक्रोमीटर से कम हो तो व्यक्तिगत स्तर पर पीएम 2.5 के धूलकणों के प्रतिकूल प्रभाव को कैसे रोका जा सकता है।
वातावरण में पीएम 2.5 का प्रदूषण वायु प्रदूषण में से एक है, क्योंकि यह श्वसन नलिका में इकट्ठा हो जाते हैं। इससे फेफड़े और श्वसन प्रणाली में सूजन और तनाव आ जाता है।
विटामिन B12 कमी के लक्षण:
- जल्द थकान महसूस होना
- पैरों-हाथों में झुनझुनाहट महसूस होना
- याददाश्त कम होना
- आंखें कमजोर होना
- चिड़चिड़ापन
- सिर दर्द
- खून की कमी
40 से अधिक उम्र के लोगों की B12 अवशोषण की क्षमता धीरे-धीरे कम होती जाती है। दवाइयों के लंबे समय तक इस्तेमाल किए जाने पर B12 के अवशोषण को अस्थाई रूप से या हमेशा के लिए बाधित करती हैं। इसके अलावा खाने में नियमित रूप से B12 की अधिकता होने पर शरीर उसकी आरक्षित मात्रा में कमी कर देता है।
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Source : News Nation Bureau