देश भर में एक बार फिर से कोविड के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. वहीं मानसून का सीजन आने से अन्य संक्रमण से संबंधित बीमारियां भी सामने आने लगती है. इन बीमारियों से बचने के लिए जरूरी है कि आप पर्सनल हाइजीन का ध्यान जरूर रखें. वहीं इन सभी चीजों के लिए हमारे हाथ एक अहम भूमिका निभाते है. लेकिन बहुत कम लोगों को हाथ धोने का सही तरीका पता है.
हैंड वॉश करने का सही तरीका
हैंड वॉश के टाइम ‘सुमंक’ को अपनाना चाहिए. ‘सुमंक’ अंग्रेजी के लेटर ‘एसयूएमएएनके’ से मिलकर बना है. यूनीसेफ के अनुसार, इन 6 प्रक्रिया में कम से कम 40 सेकंड तक साबुन से हाथ धोना चाहिए, फिर साफ पानी से धोकर सुखाना चाहिए.
‘एस’ का मतलब है ‘सीधा’- यानी धोते हुए साबुन से पहले सीधी हथेलियों को बारी-बारी से घिसें.
‘यू’ का मतलब है ‘उल्टा’- जिसके अनुसार हाथों को उल्टा करके भी बारी-बारी से रगड़े.
‘एम’ मतलब ‘मुट्ठी’- यानी मुट्ठी बंद करने के बाद भी हाथों को साबुन से अच्छी तरह रगड़े.
‘ए’ का मतलब है अंगूठे- यानी मुट्ठी बंद कर हाथों को रगड़ने के बाद अंगूठों को भी ठीक से रगड़ें.
‘एन’ का मतलब है ‘नाखून’- यानी अपने नाखूनों को भी अच्छी तरह साफ करें.
‘के’ कलाई को दर्शाता है- यानी सबसे अंत में अपनी कलाइयों को भी ठीक से रगड़ें.
प्रभावी तरीका
स्वच्छ भारत मिशन के अनुसार, सही तरीके से हाथ धोने से बीमारियों से बचा जा सकता है. साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोने की आदत डालकर, न केवल स्वस्थ भविष्य की ओर कदम बढ़ा सकते हैं बल्कि कई बीमारियों को पनपने से भी रोक सकते हैं. नियमित रूप से ‘सुमंक’ विधि अपनाकर कई बीमारियों से बचा जा सकता है.
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