हाल ही में एक स्टडी में खुलासा हुआ है कि महिला और पुरुषों में हार्ट अटैक के लक्षण अलग-अलग होते हैं. वहीं ऐसा नहीं है कि जो लक्षण पुरुष में दिखें वहीं महिलओं में भी नजर आए. रिसर्च के मुताबिक, 3 से 13 पर्सेंट भारतीय महिलाएं कोरोनरी आर्टरी डिजीज से जूझ रही हैं. यह आंकड़ा उम्र के आधार पर जारी किया गया है. वहीं यह पिछले दो दशक में यह आंकड़ा 300 पर्सेंट बढ़ गया है.
पुरुषों में लक्षण
पुरुषों की बात करें तो उन्हें छाती में दर्द, सीने में बेचैनी और शरीर में दर्द सबसे आम लक्षण है. एक्सपर्ट के मुताबिक, पुरुषों में सांस की तकलीफ होती है, जिसे डिस्पेनिया कहा जाता है. वहीं कई बार फेफड़ों में इंफेक्शन हो, खांसी या घरघराहट जैसी दिक्कतें देखने को मिलती है. वहीं अगर आप बिना किसी कारण के थकान महसूस कर रहे हैं तो यह एक आम संकेत हो सकता है.
महिलाओं में लक्षण
महिलाओं में हार्ट अटैक की बात करें तो सांस उनमें सांस की तकलीफ, मतली/उल्टी, और पीठ या जबड़े में दर्द कॉमन लक्षण है. एक्सपर्ट के मुताबिक, महिलाओं में चक्कर आना, निचली छाती या ऊपरी पेट में दर्द और अत्यधिक थकान जैसे लक्षण भी देखने को मिले है.
महिलाओं में खतरा क्यों ज्यादा
मेनोपॉज के बाद महिलाओं में हार्ट अटैक का खतरा पुरुषों के बराबर या ज्यादा हो जाता है.
वहीं हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, मोटापा, तनाव, और जीवनशैली मे संबंधित वजहें महिलाओं में हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ा देते हैं.
महिलाओं में लक्षण हल्के और अस्पष्ट होते हैं, जिससे अक्सर इलाज में देरी हो जाती है.
ऐसे करें बचाव
महिलाओं को अपने शरीर के संकेतों को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
वहीं जरूरत पड़ने पर आप इसीजी, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और शुगर की जांच करवाएं.
इसके अलावा आप संतुलित आहार लें, नियमित एक्सरसाइज करें, तनाव कम करें और धूम्रपान से बचें.
वहीं अगर आपको अपने शरीर में कोई असामान्य लक्षण दिखें तो डॉक्टर से संपर्क करें.
ये भी पढ़ें- इन वजहों से होती है पुरुषों को कमजोरी, अपनी डाइट में तुरंत शामिल करें ये चीज
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.