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भारत को लेकर चीन के रुख़ में नहीं आया बदलाव, कहा- एनएसजी में नहीं होने देंगे दाखिल

पिछले साल सियोल में एनएसजी के पूर्ण सत्र के दौरान 48 सदस्यीय एनएसजी में प्रवेश के लिए भारत के आवेदन का चीन ने विरोध किया था।

पिछले साल सियोल में एनएसजी के पूर्ण सत्र के दौरान 48 सदस्यीय एनएसजी में प्रवेश के लिए भारत के आवेदन का चीन ने विरोध किया था।

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Deepak Kumar
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भारत को लेकर चीन के रुख़ में नहीं आया बदलाव, कहा- एनएसजी में नहीं होने देंगे दाखिल

एनएसजी पर चीन भारत का करेगा विरोध (पीटीाई)

चीन ने शुक्रवार को कहा कि वह भारत के परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में दाखिल होने का विरोध करेगा। एनएसजी का पूर्ण सत्र बर्न में जारी है। 

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा, 'जहां तक गैर-एनपीटी (परमाणु अप्रसार समझौता) देशों की बात है, तो मैं आपसे कह सकता हूं कि चीन के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है।'

पिछले साल सियोल में एनएसजी के पूर्ण सत्र के दौरान 48 सदस्यीय एनएसजी में प्रवेश के लिए भारत के आवेदन का चीन ने विरोध किया था।

जारी पूर्ण सत्र शुक्रवार को समाप्त हो रहा है। बर्न में बीजिंग से भारत के एनएसजी में प्रवेश को लेकर जो उम्मीद की जा रही है, उससे नई दिल्ली को एक साल का और इंतजार करना पड़ेगा।

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वैश्विक स्तर पर परमाणु व्यापार पर नियंत्रण के लिए एनएसजी सर्वसम्मति के सिद्धांत पर कार्य करता है।

गेंग ने कहा, 'मैं इस ओर ध्यान दिलाना चाहता हूं कि विस्तार को लेकर एनएसजी के नियम स्पष्ट हैं और सियोल में पूर्ण सत्र के दौरान यह स्पष्ट कर दिया गया था कि मुद्दे से किस प्रकार निपटना है। हमें इन नियमों तथा सहमति से कार्य करने की जरूरत है।'

और पढ़ें:एनएसजी ग्रुप में शामिल होने को लेकर चीन का बयान, भारत का परमाणु रिकॉर्ड बेहतर लेकिन पाकिस्तान को भी मिले मौका

उन्होंने कहा, 'नए सदस्यों को एनएसजी में शामिल करने को लेकर स्विट्जरलैंड में जारी यह पूर्ण बैठक सियोल के पूर्ण सत्र के फैसले का पालन करेगा और सर्वसम्मति पर फैसले के सिद्धांत को बरकार रखेगा तथा समूह में गैर-एनपीटी देशों को शामिल करने के लिए तकनीकी, कानूनी जैसे विभिन्न पहलुओं पर चर्चा जारी रखेगा।'

चीन अतीत में भी यह स्पष्ट कर चुका है कि भारत जबतक परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर दस्तखत नहीं करेगा, उसे एनएसजी में शामिल नहीं किया जाएगा।

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HIGHLIGHTS

  • चीन ने कहा कि वह भारत के परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में दाखिल होने का विरोध करेगा
  • बर्न में बीजिंग से भारत के एनएसजी में प्रवेश को लेकर जो उम्मीद की जा रही है, उससे नई दिल्ली को एक साल का और इंतजार करना पड़ेगा
  • वैश्विक स्तर पर परमाणु व्यापार पर नियंत्रण के लिए एनएसजी सर्वसम्मति के सिद्धांत पर कार्य करता है

Source : IANS

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