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IRCTC: दिवाली-छठ पूजा पर घर जाने की चिंता हुई खत्म, मिलेगा कंफर्म टिकट

Indian Railways: दिवाली और छठ पूजा (Diwali and Chhath) अपने घर जाने वालों के लिए खुशखबरी है. क्योंकि अब उन्हें ट्रेन में नीचे बैठकर सफर नहीं करना पड़ेगा. रेलवे सभी यात्रियों को कंफर्म टिकट (confirmed tickets for passengers) देने की व्यवस्था की है.

Updated on: 10 Oct 2022, 01:22 PM

highlights

  • रेलवे ने स्पेशल ट्रेन चलाने का भी लिया फैसला, टिकट बुकिंग हुई शुरू 
  • हर साल हजारों लोग अपने घर जाकर नहीं मना पाते त्योहार 

नई दिल्ली :

Indian Railways: दिवाली और छठ पूजा (Diwali and Chhath) अपने घर जाने वालों के लिए खुशखबरी है. क्योंकि अब उन्हें ट्रेन में नीचे बैठकर सफर नहीं करना पड़ेगा. रेलवे सभी यात्रियों को कंफर्म टिकट (confirmed tickets for passengers) देने की व्यवस्था की है. यही नहीं त्योहारी सीजन पर रेलवे लगभघ 179 से ज्यादा दिवाली स्पेशल ट्रेन भी चलाने का फैसला लिया है. आपको बता दें जिन लोगों को टिकट नहीं मिल रहा है. ऐसे यात्रियों को विकल्प स्कीम अपनानी चाहिए. जिससे उन्हें कंफर्म टिकट मुहैया हो जाएगा. आपको बता दें कि विकल्प स्कीम के तहत किसी दूसरी  वैकल्पिक ट्रेन में आपको सीट रेलवे मुहैया कराएगा. जिससे आपकी सारी परेशानी का समाधान हो सकेगा.

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आपको बता दें कि इस स्कीम को वैसे तो 2015 में शुरू किया गया था.  ताकि अधिक से अधिक यात्रियों को कंफर्म सीट मिल सके. लेकिन बीच में स्कीम को बंद भी कर दिया था. खास बात ये है कि स्कीम के बारे सभी यात्रियों को जानकारी न होने के कारण इसका लाभ नहीं मिल पाता. इसलिए यदि आपको कंफर्म सीट नहीं मिल पा रही है तो आप विकल्प स्कीम की मदद लेकर सीट ले सकते हैं. विकल्प स्कीम में यात्रियों को यह सुविधा दी जाती है कि वे किसी दूसरी ट्रेन में कंफर्म बर्थ ले सकें. हालाकि  वेटिंग लिस्ट वाले यात्री जब विकल्प को चुनते हैं तो रेलवे उनको वैकल्पिक ट्रेन में सीट दिला देते हैं.

179 स्पेशल ट्रेन 
खासकर, दिवाली जैसे बड़े त्योहारों पर रेल में काफी रस हो जाता है. तीन-तीन माह पहले से ट्रेनों में नो रूम का बोर्ड टंग जाता है. समस्या के समाधान के लिए इस बार रेलवे ने स्पेशल ट्रेनों की संख्या बढ़ा दी है. हालाकि स्पेशल ट्रेन तो हर साल चलाई जाती हैं. लेकिन पहली बार रेलवे ने स्पेशल ट्रेनों की संख्या में इतना इजाफा किया है. आपको बता दें कि 179 ट्रेनों में से सबसे ज्यदा ट्रेनें यूपी और बिहार के रूटों पर चलाने का निर्णय लिया गया है. क्योंकि सबसे ज्यदा रस इन्हीं रूट्स की ट्रेनों में देखने को मिलता है.