ELI Scheme: युवाओं को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार की ओर से एक अहम योजना शुरू की गई है. इस योजना का नाम रोजगार मूलक प्रोत्साहन योजना (ELI Scheme) है. इस योजना की खास बात यह है कि इसके तहत युवाओं को अपनी पहली नौकरी के दौरान मिलने वाले वेतन के अलावा भी 15000 रुपए माह सरकार की ओर से दिए जाएंगे. इस योजना को सरकार ने 1 जुलाई को ही लॉन्च किया है. आइए जानते हैं कि कौन इस योजना का लाभ उठा सकता है और कैसे?
क्या है इस योजना का मकसद?
ELI योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2024-25 के बजट में घोषित पांच प्रमुख पहलों में से एक है, जिसका उद्देश्य देश में रोजगार बढ़ाना और युवाओं को कौशल के साथ जोड़ना है.
कितना है योजना का बजट और लक्ष्य
सरकार ने इस योजना के लिए 2 लाख करोड़ रुपये का भारी-भरकम बजट तय किया है. इसका लक्ष्य 4.1 करोड़ युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना है, विशेष रूप से निर्माण क्षेत्र (Manufacturing Sector) में, जो भारत के आर्थिक विकास की रीढ़ बनता जा रहा है.
दो हिस्सों में बंटी योजना
ELI स्कीम को दो भागों में बांटा गया है.
भाग 1: पहली बार नौकरी पाने वालों के लिए सौगात
यह हिस्सा उन युवाओं के लिए है जो पहली बार EPFO से जुड़ते हैं. ऐसे युवाओं को 15,000 रुपए तक की सैलरी के बराबर रकम दो किस्तों में मिलेगी. पहली किस्त उन्हें छह महीने की निरंतर सेवा के बाद दी जाएगी जबकि अगली किस्त 12 महीने बाद यानी एक वर्ष में, हालांकि शर्त यह है कि वित्तीय साक्षरता कोर्स पास किया गया हो.
भाग 2: कंपनियों के लिए नियुक्ति प्रोत्साहन
नई नियुक्तियों पर कंपनियों को 3,000 रुपए प्रतिमाह तक का प्रोत्साहन मिलेगा, यदि कर्मचारी की सैलरी 1 लाख रुपए से कम है. यह प्रोत्साहन 2 वर्षों तक दिया जाएगा और निर्माण क्षेत्र के लिए इसे तीसरे और चौथे वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है. इससे कंपनियों को अधिक नौकरियां देने में मदद मिलेगीय
कैसे मिलेगी राशि
कर्मचारियों को भुगतान DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से ABPS (Aadhaar Based Payment System) से किया जाएगा. कंपनियों को मिलने वाली राशि PAN से जुड़े खातों में ट्रांसफर की जाएगी, जिससे भ्रष्टाचार की संभावनाएं न्यूनतम होंगी.
क्या है योजना की शर्त
इस योजना की शर्त की बात करें तो जिनकी सैलरी 1,00,000 से अधिक है, वे इस योजना के पात्र नहीं हैं.
यही नहीं ECR (Electronic Challan cum Return) में गलत या अधूरी जानकारी देने पर कर्मचारी और नियोक्ता दोनों लाभ से वंचित हो सकते हैं. EPFO के निर्देशों का पालन करना हर कंपनी के लिए अनिवार्य है. बात दें कि ELI योजना भारत के रोजगार परिदृश्य को बदलने की दिशा में बड़ा कदम है. यह न सिर्फ युवाओं को बेहतर भविष्य देने का माध्यम बनेगी, बल्कि औद्योगिक क्षेत्र को भी मजबूती देगी.