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मध्य प्रदेश उपचुनाव अब सिंधिया बनाम पायलट! जीत के लिए कांग्रेस ने बनाया ये प्लान

मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में बीजेपी को मात देने के लिए कांग्रेस ने अपने अभियान को और आक्रामक करने के लिए रणनीति बनाई है.

Updated on: 25 Oct 2020, 03:41 PM

भोपाल:

मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में बीजेपी को मात देने के लिए कांग्रेस ने अपने अभियान को और आक्रामक करने के लिए रणनीति बनाई है. मध्य प्रदेश में जहां उपचुनाव होना हैं, वहां कांग्रेस से बीजेपी में गए ज्योतिरादित्य सिंधिया का वर्चस्व है. ऐसे में सिंधिया की काठ के रूप में कांग्रेस ने उनके पुराने साथी और राजस्थान के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट को अहम जिम्मेदारी दी है. मध्य प्रदेश के चुनावी रण में कांग्रेस ने सचिन पायलट को चुनाव प्रचार में उतारा है.

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28 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में 16 सीटें ग्वालियर-चंबल इलाके में आती हैं. इस क्षेत्र में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में गए राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का काफी प्रभाव माना जाता है. इन सीटों पर गुर्जर समुदाय का भी प्रभाव है और पायलट इसी समुदाय से आते हैं. मसलन कांग्रेस ने इस सब वजहों को ध्यान में रखते हुए यहां सचिन पायलट को रणनीति तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी है. पिछले दिनों कांग्रेस द्वारा मध्य प्रदेश उपचुनाव के लिए जारी की गई 30 स्टार प्रचारकों की लिस्ट में भी सचिन पायलट का नाम शामिल है.

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सचिन पायलट मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के तहत 3 नवंबर को मतदान से पहले ग्वालियर-चंबल इलाके में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ कई बैठकें करेंगे. मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा के मुताबिक, पायलट 27 और 28 अक्टूबर को शिवपुरी जिले के नरवर और सतनवाड़ा में, मुरैना जिले के सुमावली व भिंड और ग्वालियर जिले में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें करेंगे. इसके अलावा पायलट मुरैना विधानसभा सीट के नूराबाद क्षेत्र में, दिमनी विधानसभा क्षेत्र के मनबसाई में, गोरमी (मेंहगांव सीट) और गोहद में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठकों में शामिल होंगे. पायलट की 28 अक्टूबर को ग्वालियर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी होगी.

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इस बात का उल्लेख करना भी जरूरी है कि सचिन पायलट ने कुछ महीने पहले राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत कर दी थी, हालांकि बाद में उन्होंने पार्टी से सामंजस्य बना लिया. जिसके बाद से सचिन पायलट पहली बार कांग्रेस की ओर से बड़ी जिम्मेदारी निभाने जा रहा हैं. बता दें कि मध्यप्रदेश में उपचुनाव के तहत तीन नवंबर को मतदान के बाद 10 नवंबर को मतों की गिनती होगी.