New Update
/newsnation/media/post_attachments/images/2019/03/27/gobar-ganesh-30.jpg)
गोबर गणेश (फाइल फोटो)
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
यहां नारियल चढ़ाकर गणेश (बाप्पा) से मनचाहा वरदान पा सकते हैं.
गोबर गणेश (फाइल फोटो)
गणेश भगवान शिव और पार्वती के पुत्र हैं. गणों के स्वामी होने के कारण उनका एक नाम गणपति भी है. ज्योतिष में इनको केतु का देवता माना जाता है और जो भी संसार के साधन हैं, उनके स्वामी श्री गणेश ही हैं. हाथी जैसा सिर होने के कारण उन्हें गजानन भी कहते हैं. गणेश जी का नाम हिन्दू शास्त्रो के अनुसार किसी भी कार्य के लिये पहले पूज्य है
आपने गणेश के कई रूप देखे होंगे लेकिन मध्यप्रदेश के महेश्वर में गजानन की गोबर की मूर्ति है. ये मूर्ति हजारों साल पुरानी है, कहते हैं यहां नारियल चढ़ाकर गणेश (बाप्पा) से मनचाहा वरदान पा सकते हैं..
यह भी पढ़ें- 3 हरी इलायची से दूर हो जाएगी आपकी आर्थिक तंगी, जान लें ये उपाय
भक्तों के हर दुख दर्द का इलाज गणेश भगवान के खूबूसरत श्रृंगार मनमोहक रूप में छिपा है. गणपति का ये रुप मन मोह लेता है क्योंकि भक्त यहां गणपति को गोबर गणेश के नाम से पुकारते हैं. भगवान गणेश के इस बड़े ही भव्य रूप का दर्शन आपको मध्य प्रदेश के नीमाड़ क्षेत्र में माहेश्वर कस्बे में होगा. माहेश्वर में महावीर मार्ग पर बनी गणपति की ये प्रतिमा गोबर और मिट्टी से बनी है, जिसमें एक बड़ा हिस्सा गोबर का है.
यह भी पढ़ें- आज से शुरू हो रहा है खरमास, बंद हो जाएंगे शुभ काम, जानिए इसकी पौराणिक कहानी
आमतौर पर हम पूजा-पाठ में गोबर के गणपति बनाकर उनकी पूजा अर्चना करते हैं. मिट्टी और गोबर की मूर्ति में पंचतत्वों का वास माना जाता है और खासकर गोबर में तो मां लक्ष्मी साक्षात वास करती हैं. इसलिए गोबर गणेश मंदिर में आने वाले भक्तों की मान्यता है कि यहां दर्शन करने से भक्तों को भगवान गणेश के साथ मां लक्ष्मी का भी आशीर्वाद मिलता है. गोबर गणेश मंदिर में दर्शन के लिए साल भर भक्तों का तांता लगा रहता है. विशेषकर गणेश उत्सव और दीपावली के मौके पर मंदिर में भक्तों की भीड़ दर्शन लिए उमड़ती है.
Mumbai Mahashivratri 2019: महादेव को मनाने का सबसे शुभ दिन, मंदिरों में भक्तों की भीड़, देखें VIDEO
Source : Akanksha Tiwari