Mrityunjay Mahadev Mandir: सावन का पावन महीना 11 जुलाई से शुरू हो चुका है. वहीं आज सावन का दूसरा सोमवार है. सावन के महीने में भगवान शिव के मंदिरों में भक्तों की लंबी कटार लगती है. भक्त भगवान शिव की पूजा और दर्शन करने के लिए कई फेमस मंदिर में जाते हैं. वहीं इस पावन अवसर पर हम आपको शिवजी के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताएंगे जहां पर दर्शन और पूजा करने से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है. वहीं भक्तों के सारे रोग भी दूर हो जाते हैं. आइए आपको इसके बारे में बताते है.
महामृत्युंजय मंदिर
महामृत्युंजय मंदिर का धार्मिक और शास्त्रों में भी वर्णित है. माना जाता है कि भगवान शिव का यह स्वरूप अकाल मृत्यु से रक्षा करता है. उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के अनुसार, मंदिर में मौजूद जल कई भूमिगत धाराओं का मिश्रण है, जो औषधीय गुणों से युक्त है. धार्मिक मान्यता है कि इस जल को पीने से कई शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है. इसे ‘अमृत जल’ कहा जाता है, जो न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्कि मन को शांति भी करता है.
मनोकामना होगी पूरी
श्रद्धालु मंदिर में हाजिरी लगाने के साथ ही महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी करते हैं. मान्यता है कि बाबा मृत्युंजय के दर्शन मात्र से मन की हर कामना पूरी होती है. नियमित रूप से यहां पूजा-अर्चना करने वाले भक्तों का कहना है कि उनके जीवन से कष्ट दूर हो जाते हैं और बाबा की कृपा बरसती है.
मिट जाते हैं रोग
मंदिर के परिसर में धनवंतरी कुआं है, जिसका उल्लेख शिव पुराण में मिलता है. जिसके अनुसार कूप में भगवान धनवंतरी ने कई जड़ी-बूटियां डाली थीं, इसलिए कहा जाता है कि इसका जल पीने से तमाम तरह के घाव और रोग ठीक हो जाते हैं. शिव पुराण के अनुसार, महादेव ने ‘महामृत्युंजय मंत्र’ की रचना की थी और इसका रहस्य माता पार्वती को ही बताया था. महामृत्युंजय मंत्र के जाप करने से रोगों से मुक्ति मिलती है. मान्यता है कि मृत्युंजय महादेव के दर्शन करने से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)