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Sawan Bhaum Pradosh Vrat Photograph: (Freepik)
Sawan Bhaum Pradosh Vrat 2025: हर महीने में दो बार प्रदोष व्रत किया जाता है, जिसमें से एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में आता है. इस दिन शिव जी की पूजा प्रदोष काल में करने का विधान है. सावन का पहला प्रदोष व्रत मंगलवार 22 जुलाई को किया जाएगा. यह प्रदोष व्रत मंगलवार के दिन पड़ रहा है, ऐसे में इसे भौम प्रदोष व्रत भी कह सकते हैं.
प्रदोष व्रत मुहूर्त
सावन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 22 जुलाई को सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर शुरू हो रही है. वहीं इस तिथि का समापन 23 जुलाई को प्रातः 4 बजकर 39 मिनट होगा.
भगवान शिव व हनुमान जी की पूजा
भौम प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के साथ हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व है. मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित है, जबकि प्रदोष व्रत भोलेनाथ को समर्पित होता है. शिव चालीसा के साथ हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और मनोकामना पूर्ण होती है.
शिवलिंग का अभिषेक
भौम प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, कच्चा दूध और बेलपत्र अर्पित करना चाहिए. भगवान शिव का अभिषेक करते समय ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करना अत्यंत शुभ माना गया है. मान्यता है कि ऐसा करने से शुभता में वृद्धि होती है और कष्टों से मुक्ति मिलती है.
घी का दीपक
सेहत से जुड़ी परेशानियों को दूर करने के लिए भौम प्रदोष व्रत के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करने के बाद बजरंगबाण का पाठ करना चाहिए. शाम के साथ हनुमान जी के सामने लाल बत्ती से घी का दीपक जलाना चाहिए. ऐसा करने से आपको मनवांछित फल की प्राप्ति होती है.
कर्ज से मुक्ति के लिए
भौम प्रदोष के दिन कर्ज से मुक्ति होने के लिए आसन पर बैठकर हाथ जोड़कर ऋणमोचक मंगल स्रोत का 11 बार पाठ करना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से कर्ज से अतिशीघ्र मुक्ति मिलती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)