अगर आप भी दिल्ली में रहते हैं और आपके पास भी कार है तो यह खबर आपके लिए है. दिल्ली में एयर पोल्यूशन वैसे तो अब आम बात हो गई है. मगर सरकार ने अब इसे कंट्रोल करने के लिए एक नया प्लान बनाया है. खबर यह है कि दिल्ली सरकार प्रदूषण को कम करने के लिए एक नई इलेक्ट्रॉनिक वाहन नीति लाने की योजना बना रही है. सरकार ने कहा है कि शहर के हर घर में हर तीसरी कार इलेक्ट्रॉनिक होनी चाहिए यानी कि अगर आपके पास दो गाड़ियां हैं तो तीसरी गाड़ी आपको ईवी ही लेनी होगी. इसका मकसद दिल्ली में वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करना और इलेक्ट्रॉनिक वाहनों को बढ़ावा देना है. इस नई नीति को ईवी पॉलिसी 2.0 का नाम दिया गया है. हालांकि इससे पहले दिल्ली में 2020 में पहली बार इलेक्ट्रॉनिक वाहन नीति लागू की गई थी, जिसकी पूरे देश में काफी सराहना हुई थी. मगर अब सरकार नई ईवी पॉलिसी के तहत बड़े बदलाव लाने की तैयारी में है.
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नई इलेक्ट्रॉनिक नीति के तहत कई अहम कदम उठाए जाएंगे
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो दिल्ली सरकार की नई इलेक्ट्रॉनिक नीति के तहत कई अहम कदम उठाए जाएंगे, जिसका मकसद इलेक्ट्रॉनिक वाहनों को बढ़ावा देना और पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाना है. एक-एक कर पॉइंट में समझते हैं. सबसे पहले वाहनों के पंजीकरण में 95 प्रतिशत इलेक्ट्रॉनिक वाहनों को शामिल करना है. सरकार की योजना के तहत दिल्ली में नए वाहनों के पंजीकरण में 95 प्रतिशत हिस्सेदारी इलेक्ट्रॉनिक वाहनों की होगी. यानी कि हर नए वाहन में से लगभग 95 प्रतिशत वाहन इलेक्ट्रॉनिक होंगे. इस फैसले का मकसद है कि दिल्ली की सड़कों से पेट्रोल और डीजल के वाहनों को धीरे-धीरे हटाकर इलेक्ट्रॉनिक वाहनों को अपनाया जा सके. दूसरी खास बात यह है कि तीसरी कार अनिवार्य रूप से इलेक्ट्रॉनिक होगी यानी कि नई नीति के तहत हर परिवार की तीसरी गाड़ी को इलेक्ट्रॉनिक वाहन के रूप में खरीदना अनिवार्य होगा. यानी कि अगर किसी परिवार के पास पहले से दो पेट्रोल डीजल या सीएनजी वाहन है तो तीसरी कार केवल इलेक्ट्रॉनिक ही हो सकती है.
इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियों की बिक्री को प्रोत्साहन मिलेगा
इससे इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियों की बिक्री को प्रोत्साहन मिलेगा और सड़क पर पेट्रोल डीजल से चलने वाले वाहनों की गिनती में कमी आएगी. तीसरी बड़ी बात चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार है. सरकार ने पूरी दिल्ली में चार्जिंग नेटवर्क को मजबूत करने का भी फैसला किया है. इसके तहत 13000 से ज्यादा चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे. हर 5 किलोमीटर के दायरे में एक चार्जिंग स्टेशन होगा ताकि इलेक्ट्रिक गाड़ियों के चालकों को चार्जिंग की समस्या का सामना ना करना पड़े. चार्जिंग स्टेशन को रेसिडेंशियल एरिया, मॉल और ऑफिस में बनाया जाएगा. चौथी बड़ी बात 2027 तक कूड़ा उठाने वाले वाहनों का विद्युतीकरण है. नई ईवी पॉलिसी के तहत 2027 तक दिल्ली में कूड़ा उठाने वाले सभी वाहन इलेक्ट्रॉनिक में बदल जाएंगे. इससे ना केवल प्रदूषण कम होगा, बल्कि कचरा प्रबंधन की प्रक्रिया को भी पर्यावरण के अनुकूल बनाया जाएगा. इसके लिए कूड़ा उठाने वाली एजेंसियों को इलेक्ट्रॉनिक वाहन खरीदने के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा.
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10 साल से पुराने सीएनजी ऑटो रिक्शा को हटाया जाएगा
इसके साथ ही पेट्रोल डीजल और सीएनजी से चलने वाले दो पहिया वाहनों का रजिस्ट्रेशन भी अब बंद कर दिया जाएगा यानी कि 2026 के बाद नए दो पहिया वाहन केवल इलेक्ट्रॉनिक होंगे सरकार ने यह भी फैसला लिया है कि 10 साल से पुराने सीएनजी ऑटो रिक्शा को हटाया जाएगा. उन्हें इलेक्ट्रॉनिक में बदला जाएगा. इस योजना के तहत इलेक्ट्रॉनिक स्कूटर और बाइक पर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. इलेक्ट्रॉनिक तिपहिया यानी कि ई रिक्शा पर भी सब्सिडी दी जा सकती है. इलेक्ट्रॉनिक वाहन खरीदने के लिए लोन पर कम ब्याज दर या शून्य ब्याज दर जैसी योजनाओं पर भी विचार चल रहा है. अब बात करते हैं इस नई नीति के की सबसे पहले तो वायु प्रदूषण में कमी आएगी. पेट्रोल डीजल पर निर्भरता घटेगी इलेक्ट्रॉनिक वाहनों की बिक्री और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास होगा. इलेक्ट्रॉनिक वाहन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा साथ ही ईंधन आयात पर भी निर्भरता कम होगी सार्वजनिक परिवहन स्वच्छ और सस्ता बनेगा.