अमेरिका में कोवैक्सीन का होगा क्लीनिकल ट्रायल, भारत बायोटेक ने कही ये बात
अमेरिका के FDA यानी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने इसके इमर्जेंसी यूज ऑथराइजेशन (EUA) देने से मना कर दिया है. जिसके बाद भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने कोवैक्सीन (COVAXIN) के क्लिनिकल ट्रायल करने का फैसला लिया है.
highlights
- अमेरिका ने कोवैक्सीन के इमर्जेंसी इस्तेमाल की नहीं दी थी मंजूरी
- अब भारत बायोटेक कोवैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल करेगा
नई दिल्ली:
स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन (COVAXIN) को अमेरिका के ड्रग रेगुलेटर FDA ने इमर्जेंसी इस्तेमाल की मंजूरी नहीं दी है. अमेरिका के FDA यानी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने इसके इमर्जेंसी यूज ऑथराइजेशन (EUA) देने से मना कर दिया है. जिसके बाद भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने कोवैक्सीन (COVAXIN) के लिए मार्केटिंग एप्लिकेशन का समर्थन करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में क्लिनिकल ट्रायल करने का फैसला लिया है. वहीं भारत सरकार ने इसे लेकर कहा था कि हम इस फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन इसका हमारे टीकाकरण कार्यक्रम पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
ये भी पढ़ें- डोमनिका कोर्ट में हरीश साल्वे कर सकते हैं CBI, MEA का प्रतिनिधित्व: सूत्र
USFDA ने भारत बायोटेक कंरनी के अमेरिकी साझेदार ओक्यूजेन इंक को सलाह दी है कि वह कोवाक्सीन टीके के इस्तेमाल की मंजूरी पाने के लिए अतिरिक्त आंकड़ों के साथ जैविक लाइसेंस आवेदन (बीएलए) के जरिए अनुरोध करे. ऐसे में कोवाक्सीन टीके को अमेरिकी मंजूरी मिलने में अब थोड़ा और समय लग सकता है. बता दें कि बीएलए, एफडीए की एक 'पूर्ण अनुमोदन' व्यवस्था है, जिसके तहत दवाओं और टीकों की मंजूरी दी जाती है.
इससे पहले अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी नहीं दी है. अमेरिकी खाद्य एवं दवा नियामक ने भारत बायोटेक की अमेरिकी साझेदार ओक्यूजेन इंक को सलाह दी थी कि वह भारतीय वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी हासिल करने के लिए अतिरिक्त आंकड़ों के साथ जैविक लाइसेंस आवेदन के जरिए आवेदन करे. अमेरिका के इस फैसले का भारत सरकार ने सम्मान किया है.
ये भी पढ़ें- विदेशी मैगजीन के लेख को स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया गलत, कोरोना से मौत का दिया गलत आंकड़ा
कोवैक्सीन को मंजूरी नहीं दिए जाने के एक सवाल के जवाब में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने कहा कि हर देश की अपनी नियामक प्रणाली होती है. कुछ मानदंड एक समान हो सकते हैं जबकि कुछ भिन्न हो सकते हैं. भारत सभी देशों की नियामक प्रणाली का सम्मान करता है. वीके पॉल ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि हमारे निर्माता को जो कुछ भी करने की आवश्यकता होगी वह उसे पूरा कर इसका पालन करने में सक्षम होंगे.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह
-
Abrahamic Religion: दुनिया का सबसे नया धर्म अब्राहमी, जानें इसकी विशेषताएं और विवाद
-
Peeli Sarso Ke Totke: पीली सरसों के ये 5 टोटके आपको बनाएंगे मालामाल, आर्थिक तंगी होगी दूर
-
Maa Lakshmi Mantra: ये हैं मां लक्ष्मी के 5 चमत्कारी मंत्र, जपते ही सिद्ध हो जाते हैं सारे कार्य