Farmers Protest: केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच शनिवार को चंडीगढ़ में बैठक होगी. इस बैठक में खनौरी में पिछले 88 दिनों से अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल समेत कई अन्य नेता मौदूर रहेंगे. ये बैठक संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के नेताओं के साथ होगी. किसानों से बातचीत करने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान खुद शनिवार को चंडीगढ़ पहुंचेंगे.
किसानों ने किया शक्ति प्रदर्शन
इससे पहले शुक्रवार को किसान नेताओं ने शंभू और खनौरी में शक्ति प्रदर्शन किया. किसानों का ये शक्ति प्रदर्शन पिछले साल खनौरी में दिल्ली कूच के दौरान मारे गए शुभकरण की बरसी के मौके पर किया गया. इसके साथ ही किसानों ने शुक्रवार शाम कैंडल मार्च निकालकर शुभकरण को श्रद्धांजलि दी. बता दें कि इससे पहले 14 फरवरी को भी चंडीगढ़ में किसानों और सरकार के बीच पांचवें दौर की बैठक हुई थी, लेकिन इस बैठक में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान शामिल नहीं हो सके थे, क्योंकि तब उनके बेटे की शादी की थी.
किसान नेता डल्लेवाल ने दी शुभकरण को श्रद्धांजलि
शुक्रवार को किसान नेता डल्लेवाल ने खनौरी में शुभकरण को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि एक साल बीत जाने का बाद भी शुभकरण की मौत के कथित जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने कहा कि यही नहीं, पिछले साल उन अधिकारियों को राष्ट्रपति अवार्ड से कथित तौर पर सम्मानित करने की सिफारिश भी की गई, लेकिन किसानों के विरोध की वजह से इसे वापस ले लिया गया.
MSP की गारंटी की मांग कर रहे हैं किसान
वहीं शुक्रवार को शंभू में शुभकरण को श्रद्धांजलि देने के बाद किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि, अगर शनिवार को केंद्र के साथ बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला तो 25 फरवरी को हम शंभू से पैदल हरियाणा की ओर फिर कूच करेंगे. बता दें कि सभी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी की मांग कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्र सरकार के बीच पिछले हफ्ते भी चंडीगढ़ में पांचवें दौर की बातचीत हुई थी, लेकिन ये बातचीत भी बेनतीजा रही थी.
सरकार कर रही एमएसपी पर फसल खरीदने का दावा
वहीं पिछले हफ्ते चंडीगढ़ में हुई बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने मीडिया को बताया कि बैठक सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई है. उधर, संयुक्त किसान मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि केंद्र का दावा है कि हमने 10 सालों में किसानों की फसलों को एमएसपी पर खरीदा है. उन्होंने कहा कि, हमने सरकार से कहा कि 2004 से लेकर 2014 तक फसलों के दाम सौ प्रतिशत तक बढ़ाए गए, जबकि मोदी सरकार के दस सालों के कार्यकाल में इन्हीं फसलों के दाम में 57 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई. जबकि महंगाई 59 प्रतिशत बढ़ गई.