Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश के आगरा से आए दिनेश ढाकरे और रीमा ने प्रयागराज महाकुंभ में सनातन धर्म (sanatan dharm) की परंपराओं का पालन करते हुए एक ऐतिहासिक और अद्वितीय कदम उठाया. उन्होंने अपनी 13 वर्षीय बड़ी बेटी को जूना अखाड़े (juna akhara) में दान कर दिया. सनातन धर्म में अखाड़ों को धर्म और साधना के प्रमुख केंद्र माना जाता है. किसी परिवार द्वारा अपने सदस्य को अखाड़े में दान करना गहरी धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं का हिस्सा है. जूना अखाड़ा सनातन धर्म के 13 प्रमुख अखाड़ों में से एक है, जिसकी गिनती सबसे बड़े और प्रभावशाली अखाड़ों में होती है. इस अखाड़े में दीक्षा लेना जीवन को पूरी तरह से धर्म और साधना के मार्ग पर समर्पित करने का प्रतीक है.
जूना अखाड़े के संत कौशल गिरी ने दिनेश ढाकरे और रीमा के इस निर्णय की सराहना करते हुए इसे सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार का महत्वपूर्ण कदम बताया. उन्होंने कहा, इस दंपति ने जो कार्य किया है, वह केवल विरले और गहरी आस्था रखने वाले लोग ही कर सकते हैं. उनके अनुसार ये कदम न केवल धर्म और साधना की परंपरा को आगे बढ़ाने का माध्यम है बल्कि आज की पीढ़ी को सनातन धर्म के गहरे आध्यात्मिक और नैतिक महत्व से जोड़ने का भी एक प्रयास है.
गौरी के माता-पिता ने बताया कि वे महाकुंभ में केवल 2-3 दिनों के लिए घूमने आए थे लेकिन उनकी बेटी गौरी का अचानक मन बदल गया. उन्होंने कहा, गौरी ने खुद कहा कि अब वह घर नहीं जाना चाहती. उसके अंदर भक्ति को लेकर एक अद्भुत शक्ति जाग उठी. माता-पिता ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी ओर से बेटी पर ऐसा कोई दबाव नहीं था और ये पूरी तरह से गौरी का स्वयं का निर्णय था.
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अखाड़े में प्रवेश के बाद गौरी को मिलेगी आध्यात्मिक शिक्षा
गौरी को जूना अखाड़े (juna akhara) की परंपराओं के अनुसार विधिवत रूप से शामिल कराया गया. हालांकि अभी उसके आधिकारिक संस्कार बाकी हैं जिसमें पिंडदान और तर्पण जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान होंगे. इन संस्कारों का उद्देश्य उसे पूरी तरह से अखाड़े की परंपराओं और रीतियों में शामिल करना है. महंत ने बताया कि गौरी को अखाड़े में प्रवेश के बाद आध्यात्मिक शिक्षा दी जाएगी. यह शिक्षा उसे धर्म, साधना, और आध्यात्मिक जीवन की गहरी समझ प्रदान करेगी. गौरी का यह निर्णय न केवल उसके जीवन का नया अध्याय है बल्कि यह महाकुंभ की पवित्रता और आध्यात्मिक शक्ति का प्रमाण भी है जो भक्तों के जीवन को बदलने की क्षमता रखती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)