logo-image

इमरान खान से भारत ने कहा- 'खाली करो पीओके पर अवैध कब्जा', UN में की बेइज्जती

पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम इमरान खान (Imran Khan) की इससे ज्यादा बेइज्जती और नहीं हो सकती थी. संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGM) में जम्मू-कश्मीर समेत हिंदू एजेंडे पर अपना भाषण शुरू करते ही भारतीय प्रतिनिधि महासभा से वॉकआउट कर गए.

Updated on: 26 Sep 2020, 09:40 AM

संयुक्त राष्ट्र:

पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम इमरान खान (Imran Khan) की इससे ज्यादा बेइज्जती और नहीं हो सकती थी. संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGM) में जम्मू-कश्मीर समेत हिंदू एजेंडे पर अपना भाषण शुरू करते ही भारतीय प्रतिनिधि महासभा से वॉकआउट कर गए. इसके बाद जवाब देने का अधिकार का इस्तेमाल करते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रथम सचिव मिजितो विनतो ने न सिर्फ पाकिस्तान (Pakistan) के हर झूठ को बेनकाब किया, बल्कि साफ शब्दों में कहा कि जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) भारत का अभिन्न हिस्सा है. इतना ही नहीं, भारत ने पाकिस्तान से पीओके (PoK) पर अवैध कब्जा भी खाली करने को कहा. इस कड़ी में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का संयुक्त राष्ट्र में भाषण होना है. माना जा रहा है कि इसमें पाकिस्तान की रही-सही इज्जत भी उतर जाएगी.

यह भी पढ़ेंः बिहार विधानसभा चुनावः 28 अक्टूबर, 3-7 नवंबर को वोटिंग, 10 नवंबर को नतीजे

मुस्लिमों पर अत्याचार का आरोप दोहराया इमरान ने
शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र में बोलते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भारतीय सेना पर कई झूठे आरोप भी लगाए. इमरान के विरोध में उस समय यूएनजीए के कांफ्रेंस हॉल में मौजूद भारतीय राजनयिक ने वॉकआउट किया. खान ने राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ पर निशाना साधते हुए कहा कि आरएसएस गांधी और नेहरू के सेक्युलर मूल्यों को पीछे छोड़ भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की कोशिश में लगा हुआ है. 2002 के गुजरात दंगों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में मुस्लिमों पर अत्याचार हो रहा है.

यह भी पढ़ेंः CSK Vs DC: दिल्ली ने चेन्नई को हराकर लगातार दूसरी जीत दर्ज की

कश्मीर में मानवाधिकारों का हनन
उन्होंने कश्मीर का राग अलापते हुए कहा कि भारत ने कश्मीर पर अवैध तरीके से कब्जा किया हुआ है और वहां के लोगों के मानवाधिकार का हनन कर रहा है. संयुक्त राष्ट्र को अपने प्रस्ताव के तहत इसका हल निकालना चाहिए. उन्होंने अनुच्छेद 370 के खात्मे का जिक्र करते हुए कहा कि इससे कश्मीरी लोगों के अधिकारों को खत्म किया गया है. कोरोना काल में इस बार संयुक्त राष्ट्र महासभा का आयोजन वर्चुअली हो रहा है. अपने भाषण की शुरुआत करते ही इमरान खान ने जमकर झूठ बोले.

यह भी पढ़ेंः ड्रग्स वाले वॉट्सऐप ग्रुप की एडमिन थीं दीपिका पादुकोण, 2017 में बना था ग्रुप

भारत ने इमरान के भाषण का किया वॉकआउट
हालांकि इमरान खान को अपने भाषण की शुरुआत में ही भारत के कड़ी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ा. यह प्रतिक्रिया किसी भी मुल्क के वजीर-ए-आजम के लिए बेइज्जती से कम नहीं है. वजह यह थी कि पाकिस्तान की तरफ से भारत के खिलाफ बयान और कश्मीर मुद्दा उठाने के मुद्दे पर भारतीय प्रतिनिधि मंडल ने इमरान खान के भाषण का बहिष्कार करते हुए वॉकआउट कर दिया. इस प्रतिक्रिया को दुनिया भर ने देखा. यही नहीं, इसके बाद भारतीय प्रतिनिधि औऱ संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रथम सचिव ने जवाब देने के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान और उसके वजीर-ए-आजम की कलई खोल कर रख दी.

यह भी पढ़ेंः यह है भारत की पहली रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्‍टम ट्रेन का पहला लुक

भारत ने जवाब देकर उधेड़ी बखिया
भारत की ओर से पाकिस्तान को जवाब देते हुए मिजितो ने कहा, 'पाकिस्तान के नेता ने आज कहा कि ऐसे लोग जो नफरत और हिंसा फैलाने का काम करते हैं, उन्हें गैर-कानूनी घोषित कर देना चाहिए. उन्होंने जब ऐसा कहा तो हमें बहुत हैरानी हुई. क्या वह खुद का ही जिक्र कर रहे थे? मिजितो ने आगे कहा कि इस हॉल ने आज एक ऐसे व्यक्ति को (पाकिस्तान के पीएम इमरान खान को) लगातार सुना है जिसके पास खुद की ओर से दिखाने के लिए कुछ नहीं था. कोई ऐसी उपलब्धि नहीं थी, जिस पर वह बात कर सके. दुनिया के लिए जिसके पास कोई सुझाव नहीं था.

यह भी पढ़ेंः देशभर में हो रहे प्रदर्शन के बीच PM ने कहा,'किसानों को भ्रमित किया जा रहा हैं'

पाक ने मानी थी आतंकियों के प्रशिक्षण की बात
यही नहीं उन्होंने आक्रामक रुख अपनाते हुए कहा कि हमने देखा कि इस असेंबली के माध्यम से झूठ, गलत खबरें, युद्ध की धमकी और द्वेष फैलाने का काम किया गया. यह वही देश है, जो खूंखार और लिस्टेड आतंकवादियों को स्टेट फंड से पेंशन देता है. जिस नेता को आज हमने सुना, ये वही शख्स हैं, जिसने जुलाई में अपनी संसद की एक बहस में आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को शहीद कहा था. जिन्होंने आज फिर जहर उगला है, ये वही नेता हैं जिन्होंने साल 2019 में यूएस में सार्वजनिक तौर पर यह माना था कि उनके देश में अभी भी 30-40 हजार की तादाद में आतंकवादी मौजूद हैं, जो पाकिस्तान द्वारा प्रशिक्षित हैं और अफगानिस्तान तथा भारतीय संघशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में 'लड़ाई' लड़ रहे हैं.

यह भी पढ़ेंः वकील का बड़ा बयान, एम्स के डॉक्टरों ने कहा- सुशांत की 200% हत्या हुई है 

कश्मीर नहीं अब पीओके पर बात होगी
कश्मीर को लेकर इमरान खान द्वारा उठाए गए सवाल पर जवाब देते हुए सचिव ने फिर दोहराया कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है. उन्होंने कहा कि कश्मीर को लेकर अब जो भी विवाद बचा है, वह पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर को लेकर है. हम पाकिस्तान को आगाह करते हैं कि वह उन इलाकों को खाली करे, जिस पर उसने अवैध कब्जा कर रखा है. वहीं, इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने भी पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का बयान एक और कूटनीतिक गिरावट है. एक और झूठ का पुलिंदा, निजी हमले और पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों पर अत्याचारों और सीमा-पार आतंकवाद को छिपाने का प्रयास है.