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देशभर में हो रहे प्रदर्शन के बीच PM मोदी ने कहा,'किसानों को भ्रमित किया जा रहा हैं'

कृषि बिलों के खिलाफ किसान संगठनों ने शुक्रवार को भारत बंद का ऐलान किया है. पंजाब, हरियाणा, यूपी, महाराष्ट्र समेत देश के अन्य राज्यों में कृषि से जुड़े विधयकों का विरोध सड़कों पर उतर आया है.

Updated on: 25 Sep 2020, 12:51 PM

नई दिल्ली:

कृषि बिलों के खिलाफ किसान संगठनों ने शुक्रवार को भारत बंद का ऐलान किया है. पंजाब, हरियाणा, यूपी, महाराष्ट्र समेत देश के अन्य राज्यों में कृषि से जुड़े विधयकों का विरोध सड़कों पर उतर आया है. भारतीय किसान यूनियन समेत अन्य किसान संगठन बिल के खिलाफ चक्का जाम कर रहे हैं. 

करीब 18 राजनीतिक दलों के विरोध के बीच संसद द्वारा पारित फार्म बिल के विरोध में दो दर्जन से अधिक किसान संगठनों ने शुक्रवार को 'भारत बंद' के समर्थन की घोषणा की है. पंजाब और हरियाणा के 31 किसान संगठन पहले से ही विरोध कर रहे हैं.

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किसानों के आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री ने कहा, 'आजादी के अनेक दशकों तक किसान और श्रमिक के नाम पर खूब नारे लगे, बड़े-बड़े घोषणा पत्र लिखे गए, लेकिन समय की कसौटी ने​ सिद्ध कर दिया है कि वो सारी बातें कितनी खोखली थीं, सिर्फ नारें थे. देश अब इन बातों को भली भांति जानता है.'

उन्होंने कहा, 'किसानों को ऐसे कानूनों में उलझाकर रखा गया, जिसके कारण वो अपनी ही उपज को, अपने मन मुताबिक बेच भी नहीं सकता था. नतीजा ये हुआ कि उपज बढ़ने के बावजूद किसानों की आमदनी उतनी नहीं बढ़ी. हां, उन पर कर्ज जरूर बढ़ता गया.'

प्रधानमंत्री ने विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा, 'किसानों से जिन्होंने हमेशा झूठ बोला है वो लोग इन दिनों अपने राजनीतिक स्वार्थ की वजह से किसानों के कंधे पर बंदूक फोड़ रहे हैं. किसानों को भ्रमित करने में लगे हैं, ये लोग अफवाहें फैला रहे हैं.'

दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में बीजेपी कार्यकर्ताओं से पीएम ने कहा कि बीते सालों में ये निरंतर प्रयास किया गया है कि किसान को बैंकों से सीधे जोड़ा जाए.पीएम किसान सम्मान निधि के तहत देश के 10 करोड़ से ज्यादा किसानों के बैंक खातों में कुल एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा ट्रांसफर किए जा चुके हैं.

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बता दें कि इस सप्ताह की शुरुआत में संसद सत्र के दौरान सरकार द्वारा पारित किए गए तीन फार्म बिलों के विरोध में देशभर में अखिल भारतीय किसान संघ (एआईएफयू), भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू), अखिल भारतीय किसान महासंघ (एआईकेएम) और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) और अन्य राजनीतिक रूप से समर्थित संगठनों ने किसानों से रैली निकालने व विभिन्न हिस्सों में धरना देने का आग्रह किया है.

वहीं भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत कह चुके हैं कि, चक्का जाम में पंजाब, हरियाणा, यूपी, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, कर्नाटक समेत पूरे देश के किसान संगठन एकजुट होंगे. पंजाब में कृषि विधेयकों के खिलाफ किसानों का तीन दिवसीय रेल रोको आंदोलन भी जारी है.