संसद के दोनों सदनों से पारित कृषि से जुड़े विधेयकों को लेकर किसानों का विरोध तेज हो गया है. किसानों द्वारा बिल के खिलाफ देशव्यापी बंद का आह्वान किया गया है. उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा समेत देशभर के किसान कृषि से जुड़े इन विधेयकों के विरोध में लामबंद हो रहे हैं. देश के अलग-अलग हिस्सों में किसानों का प्रदर्शन भी शुरू हो गया है. किसानों द्वारा आहूत भारत बंद को राजनीतिक दलों का भी समर्थन मिल रहा है.
किसानों के राष्ट्रव्यापी बंद को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने समर्थन दिया है. राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा है कि नए कृषि कानून हमारे किसानों को गुलाम बनाएंगे. इसके साथ ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा है कि एक त्रुटिपूर्ण जीएसटी ने एमएसएमई को नष्ट कर दिया.
हरियाणा-पंजाब के अधिकांश प्रमुख शहरों के दुकानदारों ने किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए अपनी दुकानें बंद रखी हैं. किसानों द्वारा बिल के खिलाफ तीन दिवसीय 'रेल रोको' अभियान शुरू करने के बाद से ही गुरुवार से कई ट्रेनों के परिचालन को निलंबित कर दिया गया है. पहली बार इतने बड़े पैमाने पर एकजुटता का उदाहरण देते हुए पंजाब के 31 किसान संगठनों ने संयुक्त विरोध की घोषणा की है. दिलचस्प बात यह है कि किसानों के बंद को कई पंजाबी गायकों ने किसानों द्वारा बुलाए गए 'बंद' का समर्थन किया है.
अमृतसर में कृषि बिलों के खिलाफ किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी का रेल रोको आंदोलन चल रहा है. जिसे अन्य किसान संगठनों ने भी समर्थन दिया है. किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के महासचिव ने कहा है कि सरकार के हमसे बातचीत न करने, इस आंदोलन को महत्व न देने से लगता है कि आंदोलन लंबा चलेगा.
उधर, बिहार में भी कृषि बिलों के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है. कृषि बिलों के विरोध में राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने पटना में ट्रैक्टर चलाकर बिलों के खिलाफ अपना विरोध जताया. तेजस्वी यादव ने कहा, 'सरकार ने अपने फंडदाताओं के जरिए अन्नदाताओं को कठपुतली बनाने का काम किया है, ये पूरी तरह किसान विरोधी बिल हैं. इस सरकार ने ऐसा कोई भी सेक्टर छोड़ने का काम नहीं किया, जिसका इन्होंने निजीकरण न किया हो. MSP का कहीं भी विधेयक में जिक्र नहीं है.'
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