इजरायली सेना लगातार आक्रामक रवैया अपना रही है.सीरियाई सेना के ठिकानों पर छापेमारी करके उसने हथियार जब्त करके नष्ट किए हैं. इस दौरान इजरायल की ओर से बयान सामने आया, छापेमारी के दौरान पैराट्रूपर्स ब्रिगेड के सैनिकों को सीरियाई सेना की ओर छोड़ी राइफलें, गोला-बारूद और अन्य सैन्य उपकरण प्राप्त हुए हैं. इन्हें जब्त करके नष्ट किया गया है. सेना के अनुसार, दिसंबर से अब तक ऐसे दर्जनों छापे मारे गए हैं. बताया जा रहा है कि इजरायल को इस बात का डर है कि कही गाजा का बदला लेने के लिए कोई बड़ा आतंकी हमला न हो जाए. ऐसे में वह सीरिया की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है.
कई लोगों को बंधक बना लिया गया था
आपको बता दें कि पिछले साल सात जून को हमास ने इजरायल पर हमला किया था. उस समय इजरायल बिल्कुल भी तैयार नहीं था. यहां पर पार्टी का माहौल था, तभी घुसपैठियों ने आम जनता पर हमला किया था. इसमें कई लोगों को बंधक बना लिया गया था. इस घटना के बाद से इजरायल सजग है. हाल में की जा रही छापेमारी का उद्देश्य सीरियाई सेना के सभी हथियारों और क्षमताओं को खत्म करना है. उन्होंने बताया कि इन अभियानों के दौरान “रॉकेट, विस्फोटक, टैंक और बख्तरबंद वाहन भी मिले हैं. इन्हे नष्ट कर दिया गया.”
यह बयान इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की उस ऐलान के बाद सामने आया है. जिसमें उन्होंने कहा था कि इजरायली सेना माउंट हरमोन की चोटी और सीरियाई सीमा के पास बफर जोन पर नजर बनाए हुए है. नेतन्याहू ने दमिश्क के दक्षिणी इलाके में तलाशी अभियान चलाएगी.
बफर जोन में जमीनी सेना तैनात कर दी थी
बीते साल दिसंबर में बशर अल-असद की सरकार गिरने के बाद इजरायल ने बफर जोन में जमीनी सेना तैनात कर दी थी. यह क्षेत्र इजरायल-नियंत्रित गोलान हाइट्स और सीरिया के बीच स्थित है और इसकी निगरानी संयुक्त राष्ट्र पर्यवेक्षक बल करता है, जिसे 1974 के समझौते के तहत स्थापित किया गया था.
अंतरराष्ट्रीय निंदा के बावजूद, इजरायल ने बाद में माउंट हरमोन के सीरियाई-नियंत्रित हिस्से में रणनीतिक बिंदुओं पर कब्जा कर लिया. इजरायल का दावा है कि यह कदम उसके नागरिकों की सुरक्षा के लिए उठाया गया. इजरायली पीएम ने यह भी चेतावनी दी कि इजरायल सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा के नेतृत्व वाले आतंकवादी समूह हयात तहरीर अल-शाम से जुड़ी ताकतों या नई सीरियाई सेना को दमिश्क के दक्षिणी क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति नहीं देगा.