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उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी ने ली शपथ

उत्तराखंड (Uttarakhand) के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी ने आज शपथ ली. पुष्कर सिंह धामी को राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. पुष्कर सिंह धामी पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की जगह लेंगे.

Updated on: 04 Jul 2021, 06:17 PM

highlights

  • ऊधमसिंह नगर के खटीमा से हैं विधायक
  • लगातार दूसरी बार MLA बने हैं
  • ABVP के जरिए राजनीति में आए

देहरादून:

उत्तराखंड (Uttarakhand) के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी ने आज शपथ ली. पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) के शपथ ग्रहण की तैयारियां तेज बारिश के बीच की गयी है. तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे के बाद उत्तराखंड में जारी सियासी घमासान के बाद बीजेपी के तरफ से धामी को विधायक दल का नेता चुना गया. पुष्कर सिंह धामी को राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. पुष्कर सिंह धामी पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की जगह लेंगे. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सबसे पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत और तीरथ सिंह रावत से मुलाकात करके आगामी रणनीति पर मंथन किया.

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कौन हैं पुष्कर सिंह धामी 
पुष्कर सिंह धामी मूल रूप से जनपद पिथौरागढ़ की ग्राम सभा टुण्डी, तहसील डीडीहाट के रहने वाले हैं. वह उनका जन्म एक बेहद साधारण परिवार में हुआ. उनकी शिक्षा सरकारी स्कूल में हुई है. पुष्कर सिंह धामी भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. इसके साथ उनको राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ का भी करीबी माना जाता है. वे और राज्य के और मुख्यमंत्रियों के मुकाबले युवा हैं. ऊधमसिंहनगर जिले की खटीमा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे पुष्कर सिंह धामी लगातार दूसरी बार से विधायक हैं. पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के करीबी माने जाने वाले धामी भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष समेत पार्टी में अन्य पदों पर कार्य कर चुके हैं और युवाओं में उनकी पकड़ को बेहतर माना जाता है.

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युवाओं के बीच अच्छी पैठ 

बेरोजगारी के साथ ही विकास के मुद्दों को लेकर वह प्रखर रहे हैं. पुष्कर सिंह धामी को लेकर याद किया जाता है. 2002 से 2008 का वह दौर जब उन्होंने पूरे प्रदेश में भ्रमण कर अनेक बेरोजगार युवाओं को संगठित कर विशाल रैलियां की थीं. तब की सरकार से राज्य के उद्योगों में युवाओं को 70 प्रतिशत आरक्षण दिलाने की घोषणा कराना उनकी बड़ उपलब्धि मानी जाती है. अगले साल चुनाव को देखते हुए युवाओं के बीच अच्छी पैठ वाले नेता के तौर पर पहचान के कारण पुष्कर सिंह धामी का नाम भी सीएम पद के लिए आगे चल रहा था. पुष्कर सिंह धामी इसके पहले उत्तराखंड में युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और लगातार दो बार खटीमा से विधायक रहे हैं.