गुरु पूर्णिमा सनातन धर्म को युग धर्म के रूप में स्थापित करने का पर्व है : स्वामी राम देव

‘गुरु पूर्णिमा’ के मौके पर स्वामी रामदेव, आचार्य बालकृष्ण ने एक-दूसरे को माला पहनाकर पर्व की शुभकामनाएं दी. स्वामी रामदेव ने पतंजलि विवि के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, आपको ऋषित्व और देवत्व में जीना है, इसी से जगत में नई क्रांति का संचार होगा

‘गुरु पूर्णिमा’ के मौके पर स्वामी रामदेव, आचार्य बालकृष्ण ने एक-दूसरे को माला पहनाकर पर्व की शुभकामनाएं दी. स्वामी रामदेव ने पतंजलि विवि के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, आपको ऋषित्व और देवत्व में जीना है, इसी से जगत में नई क्रांति का संचार होगा

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Mohit Saxena
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Baba Ramdev Photograph: (social media)

गुरु-शिष्य परंपरा का प्रतीक ‘गुरु पूर्णिमा’ पर्व पतंजलि योगपीठ के संस्थापक अध्यक्ष स्वामी रामदेव और महामंत्री आचार्य बालकृष्ण के सान्निध्य में पतंजलि वैलनेस, योगपीठ-2 स्थित योगभवन ऑडिटोरियम में भरपूर आस्था और समर्पण के साथ मनाया गया. इस दौरान स्वामी रामदेव, आचार्य बालकृष्ण ने एक-दूसरे को माला पहनाकर गुरु पूर्णिमा पर्व की  शुभकामनाएं दी.

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इसी से जगत में नई क्रांति का संचार होगा

इस मौके पर स्वामी रामदेव ने कहा कि गुरु पूर्णिमा सनातन धर्म को युग धर्म के रूप में स्थापित करने का पर्व है. यह भारत के गौरवशाली गुरु-शिष्य परंपरा, ऋषि परंपरा, वेद परंपरा व सनातन परंपरा का परिचायक है. यह इनको पूर्णता प्रदान करने वाला पर्व  है. उन्होंने बताया कि वेद, ऋषि और गुरु धर्म में राष्ट्र धर्म भी समाहित हैं. उन्होंने पतंजलि विवि के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आपको ऋषित्व और देवत्व में  जीना हैं, इसी से जगत में नई क्रांति का संचार होगा. 

 

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Baba Ramdev Photograph: (social media)

 

स्वामी रामदेव के अनुसार, अलग-अलग कारणों से आज पूरी दुनिया में अलग-अलग प्रकार के वैचारिक उन्माद, मजहबी उन्माद, भौतिकवाद, इंटिलेक्चुअल टैरिरिज्म, रिलिजियस टैरिरिज्म, पॉलिटिकल, इकॉनोमिकल टैरेरिज्म, मेडिकल टैरेरिज्म, एजुकेशनल टैरेरिज्म जारी हैं. ऐसे में पूरे विश्व को भारत से शिक्षा, चिकित्सा, आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक दिशा मिलेगी. भारत की प्रतिष्ठा विश्वगुरु के रूप में होगी. 

गुरु पूर्णिमा पर्व गुरु-शिष्य परंपरा को दर्शाता है

इस दौरान आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि गुरु पूर्णिमा पर्व गुरु-शिष्य परंपरा को दर्शाता है. इसकी सार्थकता तभी है जब हम अपने गुरु पर पूर्ण आस्था रखते हुए बताए मार्ग का पालन करें. उनकी ओर से बताए गए नियमों का आलम्बन लेकर अपने जीवन को सद्मार्ग पर ले जाएं. उन्होंने कहा कि भारत गुरु-शिष्य परंपरा, योग, आयुर्वेद, सनातन, वैदिक ज्ञान के जरिए ही विश्व गुरु बन सकता है. अपने जीवन में किसी ऐसे आदर्श गुरु, महापुरुष का आश्रय,आलम्बन लें जिससे जीवन की उन्नति का मार्ग प्रशस्त हो सके.

इस अवसर पर भारतीय शिक्षा बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष एन.पी.सिंह ने सनातन को प्रणाम करते हुए कहा कि गुरु पूर्णिमा का यह दिव्य वातावरण काफी अद्भुत है. स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के आशीर्वाद से शिक्षा में समग्र क्रांति का सूत्रपात पतंजलि के जरिए किया गया है. कांवड़ मेले में शिवभक्त श्रद्धालुओं के लिए पतंजलि योगपीठ के जरिए खण्ड भण्डारे की व्यवस्था की गई. इसमें स्वामी महाराज ने श्रद्धालुओं को भोजन वितरण किया. इस अवसर पर पतंजलि योगपीठ से सम्बद्ध सभी इकाईयों के सेवाप्रमुख, संन्यासीगण, इकाई प्रमुख, विभागाध्यक्ष, प्रभारीगण एवं छात्र-छात्राएं शामिल हुए. 

 

 

 

 

 

 

 

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