मुंबई के बीएमसी मेयर चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की मियाद सोमवार शाम 6 बजे खत्म हो गई, लेकिन शिवसेना से गठबंधन टूटने के बाद भी भाजपा ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है. पार्टी ने तर्क दिया है कि उसके पास पार्षदों का संख्या बल नहीं था, इसलिए पार्टी ने प्रत्याशी नहीं उतारा है.
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बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) के मेयर पद के लिए शिवसेना की ओर से किशोरी पेडनेकर ने नामांकन दाखिल किया है. महाराष्ट्र में 27 निकाय संस्थाएं हैं, जिसमें मुंबई, ठाणे, पुणे और औरंगाबाद शामिल हैं. इस पर 22 नवंबर को चुनाव होने हैं. शिवसेना की उम्मीदवार किशोरी पेडनेकर का कहना है कि अगर वह मेयर बनती हैं तो अच्छी सड़कें, प्लास्टिक पर बैन और कूड़ा-कचरा हटाना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी. देश की सबसे अमीर निकाय संस्था यानी बीएमसी पर शिवसेना ने भाजपा के समर्थन से दो दशक से भी ज्यादा समय तक राज किया है.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और शिवसेना के बीच आई दरार का असर भी मेयर चुनाव में दिख रहा है. नासिक नगर पालिका के चुनाव से पहले बीजेपी व शिवसेना अपने पार्षदों को क्रास वोटिंग से बचाने में जुट गई है. इसके लिए बीजेपी ने अपने 53 पार्षदों को सिंधुदुर्ग के एक रिजॉर्ट में ठहराया है. वहीं, बीजेपी की ही तरह शिवसेना ने अपने 34 पार्षदों को मुंबई के एक होटल में ठहराया है.
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नासिक के अलावा मुंबई में भी मेयर का चुनाव होना है. यहां ढाई-ढाई साल के अंतराल में मेयर चुना जाता है. इससे पहले फरवरी 2017 में भाजपा के समर्थन से शिवसेना के उम्मीदवार विश्वनाथ महादेश्वर ने जीत हासिल की थी और मुंबई के मेयर बने थे. गौरतलब है कि बीएमसी के पिछले चुनाव में शिवसेना के 84 पार्षद चुनाव जीते थे, जबकि बीजेपी के 82 उम्मीदवारों को जीत मिली थी. कांग्रेस के 31 पार्षद जीते थे, जबकि एनसीपी के 7 और समाजवादी पार्टी के 6 उम्मीदवारों को जीत मिली थी. बाद में 6 निर्दलीय पार्षद शिवसेना में शामिल हो गए थे.