महाराष्ट्र में इन दिनों भाषा विवाद सुर्खियों में बना हुआ है. इस बीच ठाकरे भाइयों ने मुंबई के वर्ली सभागार में एक रैली की. उन्होंने 48 मिनट तक हिंदी और मराठी भाषा विवाद सहित अन्य विषयों पर अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि तीन भाषा का फॉर्मूला केंद्र से आया है. हिंदी से किसी को कोई भी आपत्ति नहीं है. इसे किसी पर थोपा नहीं जा सकता. मराठी के लिए लड़ना अगर गुंडागर्दी है तो हां हम गुंडे हैं.
20 साल बाद साथ आए भाई
खास बात है कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे करीब 20 साल बाद एक साथ एक मंच पर नजर आएं हैं. 2006 में आखिरी बार दोनों बाला साहेब ठाकरे की रैली में एक साथ दिखाई दिए थे. जब उद्धव को शिवसेना की कमान दी गई तो राजठाकरे नाराज हो गए और उन्होंने शिवसेना ने अलग होकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का गठन कर दिया.
मराठी गौरव कार्यक्रम में हिंदी में प्रेस ब्रीफिंग कर रहीं हैं प्रियंका चतुर्वेदी
आज दिन भर ठाकरे ब्रदर्स की रैली सुर्खियों में रहीं. कार्यक्रम में एक घटना ऐसी भी हुई, जो चर्चाओं का विषय रही. वह है शिवसेना प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी की प्रेस ब्रीफिंग. दरअसल, उन्होंने हिंदी में मीडिया को संबोधित किया और पूरी घटना की जानकारी दी. अब सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है कि ठाकरे ब्रदर्स के कार्यक्रम में हिंदी में बात करते हुए उद्धव ठाकरे की पार्टी की नेता. सोशल मीडिया पर लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या अब मनसे के कार्यकर्ता इन्हें धमकाते हैं. अब देखते हैं इन्हें धमकाने का वीडियो सामने आता है या फिर नहीं.
अब जानिए आखिर क्या बोलीं प्रिंयका चतुर्वेदी
देखिए, ये एक ऐतिहासिक क्षण है, पूरी मुंबई और महाराष्ट्र के लिए. 19 साल से जो दो भाई अलग थे, वे आज एक हो गए हैं. जनता के मन में उत्साह का माहौल है. ये उत्साह अब आने वाले वक्त में दिखाई देगा.
देवेंद्र फडणवीस ने कहा- ये रुदाली सभा थी
ठाकरे ब्रदर्स के कार्यक्रम पर देवेंद्र फडणवीस ने टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि मुझे दोनों भाइयों को साथ लाने का श्रेय दिया गया है. ये बालासाहेब का आशीर्वाद मिलने जैसा है. लेकिन ये जो रैली हुई है, वह विजय रैली नहीं बल्कि रुदाली सभी थी. भाषणों में मराठी भाषा का नाम ही नहीं लिया गया. सिर्फ सत्ता से फिर से दूर होने का दुख दिखा.