logo-image

रेल रोको आंदोलन के बाद टेनी की गिरफ्तारी को लेकर बनेगी ये रणनीति

आंदोलन से करीब 160 ट्रेनें प्रभावित हुईं. 184 लोकेशन पर किसानों का रेलवे ट्रैक के पास आंदोलन हुआ. आपको बता दें कि 63 रेगुलेट ट्रेनें Destination से पहले ही रोक दी गईं. वहीं 43 ट्रेनों को कैंसिल कर दिया गया था. जबकि एक ट्रेन का रुट डायवर्ट किया गया.

Updated on: 18 Oct 2021, 09:36 PM

नई दिल्ली:

देशभर में सोमवार 18 अक्टूबर को रेल रोको आंदोलन किया गया. ये आंदोलन संयुक्त किसान मोर्चा ने यूपी के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने तथा आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर किया. इस आंदोलन का असर कई राज्यों में देखने को मिला. संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा किए गये इस आंदोलन से करीब 160 ट्रेनें प्रभावित हुईं. 184 लोकेशन पर किसानों का रेलवे ट्रैक के पास आंदोलन हुआ. आपको बता दें कि 63 रेगुलेट ट्रेनें Destination से पहले ही रोक दी गईं. वहीं 43 ट्रेनों को कैंसिल कर दिया गया था. जबकि एक ट्रेन का रुट डायवर्ट किया गया. इसके साथ ही 50 ट्रेनें आंशिक रूप से रद्द कर दी गईं. 

यह भी पढ़ें: डबल इंजन की सरकार ही कर सकती है असली विकास: बीजेपी

आपको बता दें कि 7 ज़ोन में किसानों के इस आंदोलन का प्रभाव ज्यादा रहा. उत्तर-पश्चिम रेलवे (NWR)ज़ोन जयपुर में 16 लोकेशन पर आंदोलन का प्रभाव दिखा. वहीं पूर्वोत्तर रेलवे (NER)जोन के गोरखपुर में 3 लोकेशन पर आंदोलन का प्रभाव रहा. NFR जोन के  2 लोकेशन,  Eastern जोन के 1 लोकेशन,  WCR जोन के 2 लोकेशन और NCR के  3 लोकेशन पर किसानों के प्रदर्शन का असर दिखाई दिया. आंदोलन समाप्त होने के बाद ही भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि रेल रोको आंदोलन ठीक था . हम अपनी आगे की रणनीति के लिए एक कार्यक्रम बनाएंगे. जब तक टेनी को गिरफ्तार नहीं किया जाता और वह इस्तीफा नहीं देते, हम अपने विचार रखना जारी रखेंगे. वह आईपीसी की धारा 120 (बी) के तहत आरोपी है, वह खुले में नहीं घूम सकते. 

यह भी पढ़ें: लखीमपुर खीरी हिंसा कांड में एक और गिरफ्तारी, रिवाल्वर और कारतूस बरामद

राकेश टिकैत ने कहा कि, गृहराज्य मंत्री जांच को प्रभावित करेंगे. क्योंकि मामला उनके खिलाफ है, इसलिए वह खुद को बचाने की कोशिश करेंगे. भारत सरकार को उनका इस्तीफा लेना चाहिए. अगर वह निर्दोष साबित होते हैं तो वे उन्हें फिर से मंत्री बना सकते हैं.

आपको बता दें कि यूपी के लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा में मारे गए 8 लोगों में से 4 किसान थे, जिन्हें कथित तौर पर भाजपा कार्यकर्ताओं को ले जा रहे वाहन ने कुचल दिया था. किसानों ने दावा किया कि एक वाहन में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा का पुत्र आशीष मिश्रा था. आशीष मिश्रा को इस मामले में 9 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था.