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कोविड-19: अति प्रभावित जिलों में गर्भवती महिलाओं की जांच के लिए आईसीएमआर ने रणनीति जारी की

आईसीएमआर ने कहा कि वैसी गर्भवती महिलाएं जिनमें संक्रमण के लक्षण नहीं हैं और वह बच्चे को जन्म देने वाली हैं तो उन्हें अस्पताल में इसकी जांच करानी चाहिए और नमूने जमा करने और प्रयोगशाला तक उसे भेजने की व्यवस्था होनी चाहिए

आईसीएमआर ने कहा कि वैसी गर्भवती महिलाएं जिनमें संक्रमण के लक्षण नहीं हैं और वह बच्चे को जन्म देने वाली हैं तो उन्हें अस्पताल में इसकी जांच करानी चाहिए और नमूने जमा करने और प्रयोगशाला तक उसे भेजने की व्यवस्था होनी चाहिए

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Aditi Sharma
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प्रतीकात्मक तस्वीर

अति प्रभावित जिलों में गर्भवती महिलाओं की जांच के लिए रणनीति जारी( Photo Credit : फाइल फोटो)

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने मंगलवार को कोरोना वायरस से अति प्रभावित जिलों में गर्भवती महिलाओं की जांच के लिए रणनीति जारी की है. आईसीएमआर ने कहा कि कि कोरोना वायरस संक्रमण से अति प्रभावित जिले के किसी हिस्से या संक्रमण की अधिकता वाले क्षेत्र में रह रहीं वैसी गर्भवती महिलाएं जो प्रसव पीड़ा में हों या अगले पांच दिन में बच्चे को जन्म देने वाली हों, उन्हें संक्रमण की जांच करानी चाहिए भले ही उनमें कोई लक्षण नहीं दिखते हों.

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आईसीएमआर ने कहा कि वैसी गर्भवती महिलाएं जिनमें संक्रमण के लक्षण नहीं हैं और वह बच्चे को जन्म देने वाली हैं तो उन्हें अस्पताल में इसकी जांच करानी चाहिए और नमूने जमा करने और प्रयोगशाला तक उसे भेजने की व्यवस्था होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि महिलाओं को ऐसे स्थान पर नहीं भेजना चाहिए जहां जांच की सुविधा नहीं हो. आईसीएमआर ने कहा, ‘गर्भवती महिलाओं की जांच आईसीएमआर की जांच रणनीति के आधार पर होनी चाहिए.'

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उन्होंने कहा, 'कोरोना वायरस संक्रमण से अति प्रभावित जिले के किसी हिस्से या संक्रमण की अधिकता वाले क्षेत्र या फिर बड़ी संख्या में बाहर से आए लोगों के जमावड़े/बचाव केंद्र वाले क्षेत्र में रह रहीं वैसी गर्भवती महिलाएं जो प्रसव पीड़ा में हैं या अगले पांच दिन में बच्चे जन्म देने वाली हैं, उन्हें संक्रमण की जांच करानी चाहिए भले ही उनमें कोई लक्षण नहीं दिखते हों।'' भाषा स्नेहा नीरज नीरज

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