सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भारत और पाकिस्तान में तनाव की स्थिति और भी कहीं अधिक बढ़ गई है। इसका असर भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली थार एक्सप्रेस में भी देखने को मिला है। शुक्रवार को इस ट्रेन से सफर करने वाले लोगों में भारी गिरावट देखने को मिली।
भारत में आने वाले पाकिस्तानी नागरिक अब लौट रहे हैं, जो पिछले दिनों अपने रिश्तेदारों से मिलने यहां आए थे। अब ज्यादातर लोग युद्ध की आशंका से डरे हुए हैं।
दोनों देशों के बीच आजादी के 41 साल बाद रेल लाइन को जोड़कर दोस्ती की ट्रेन थार एक्सप्रेस चलाई गई थी। बीते दस सालों में इनके रिश्तों को लेकर कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन इस ट्रेन पर कोई असर नहीं पड़ा। बाड़मेर जिले में बाढ़ के कारण जरूर 19 अगस्त 2006 से 17 फरवरी 2007 तक इसके 27 फेरे रद्द कर दिए गए थे। जोधपुर से चल कर यह रेल पाकिस्तान सीमा के निकट भारत के अंतिम रेलवे स्टेशन मुनाबाव तक जाती है। मुनाबाव पर सभी यात्रियों की कस्टम जांच की जाती है। मुनाबाव से चल कर ट्रैन सीमा पार करती है और पाकिस्तान के स्टेशन जीरो पाइंट पर पहुंच कर रुकती है।
बॉर्डर पार करते वक्त ट्रेन के साथ हथियारों से लैस जवान तैनात रहते हैं। जगह-जगह पर आर्मी इसकी निगरानी करती है। हफ्ते में एक दिन चलने वाली इस रेल से सैकड़ों यात्री एक देश से दूसरे देश जाते हैं।
Source : News Nation Bureau