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...तो क्या अब जानवरों में फैलेगी कोरोना महामारी

दो साल तक इंसानों पर कहर बरपाने के बाद अब कोरोना जानवरों पर भी कहर ढा सकता है. जानवरों में कोरोना फैलने की आशंका को देखते हुए ऑस्ट्रेलिया के एक शोधकर्ता ने जानवरों के लिए एक कोरोना वायरस वैक्सीन विकसित की है. 

Updated on: 04 Mar 2022, 05:07 PM

highlights

  • ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ता ने जानवरों के लिए विकसित की कोरोना वैक्सीन
  • इंसान के बाद अब जानवरों को भी लगाए जाएंगे कोरोना वैक्सीन
  • पालतू जानवरों के लिए माना जर हा है बहुत ही सुरक्षित 

नई दिल्ली:

दुनिया में कोरोना ने ऐसा कहर फैला कि लोग घरों में बंधक बनकर रह गए. कोरोना के खौफ से उद्योग धंधे सब चौपट हो गए. देखते ही देखते पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गई. लेकिन, ऐसा लगता है कि दो साल तक इंसानों पर कहर बरपाने के बाद अब यह जानवरों पर भी कहर ढा सकता है. जानवरों में कोरोना फैलने की आशंका को देखते हुए ऑस्ट्रेलिया के एक शोधकर्ता ने जानवरों के लिए एक कोरोना वायरस वैक्सीन विकसित की है. 

बताया जाता है कि जल्द ही इसका पालतू जानवरों पर टेस्ट किया जाएगा. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर निकोलाई पेत्रोव्स्की और पशु चिकित्सक सैम कोवाक भी जानवरों के लिए कोवैक्स-19 वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं. पेट्रोव्स्की द्वारा विकसित, कोवैक्स-19 ईरान में लाखों लोगों को दिया गया है और ऑस्ट्रेलिया में मानव अनुमोदन का इंतजार है. कोवाक के तीन कुत्ते उन 25 पालतू जानवरों में शामिल होंगे, जो टीके के टेस्ट में भाग लेंगे. उन्होंने शुक्रवार को न्यूज कॉर्प ऑस्ट्रेलिया को बताया कि बड़ी बात यह है कि मानव वैक्सीन तकनीक पर आधारित होने के कारण जहां 60 लाख से ज्यादा डोज सुरक्षित रूप से दिए गए हैं, हम आश्वस्त हो सकते हैं कि यह पालतू जानवरों के लिए भी बहुत सुरक्षित है. उन्होंने कहा कि उन्हें मायोकार्डिटिस, पेरीकार्डिटिस, श्वसन में परेशानी का खतरा है, लेकिन उन्हें हल्का या बिना लक्षण वाला संक्रमण भी हो सकता है.

हिरण में मिला कोरोना का नया वेरिएंट 
दरअसल, वैज्ञानिकों ने हिरणों में कोरोना वायरस का नया और तेजी म्यूटेशन करने वाला नया वर्जन खोजा है. इसके साथ ही पहली बार हिरणों से इंसानों में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने का पता चला है. हालांकि, अभी इस बात की पुष्टि नहीं पोई है कि हिरन में मिले इस कोरोना वायरस की नई  वैरिएंट इंसानों के लिए कितना खतरनाक है. शोधकर्ताओं के मुताबिक कोरोना वायरस का यह नया वर्जन हिरणों में वर्ष 2020 से ही म्यूटेट हो रहा है. कनाडा के दक्षिण-पश्चिम ओंटारियो के हिरण में कोरोना वायरस का यह नया वर्जन मिला है. इसके साथ ही ओंटारियो के रहने वाले एक शख्स में यह वैरिएंट मिला है, जो हिरणों के अंदर मिला था. बताया जाता है कि नए कोरोना वायरस वैरिएंट से संक्रमित यह व्यक्ति हिरणों के आसपास ही रहता था. हालांकि, यह पहला मामला है कि जब हिरण से किसी इंसान में कोरोना वायरस का संक्रमण फैला है. ऐसे में इस टीके से पालतू पशुओं को सुरक्षित किया जा सकेगा.

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मानव शरीर में मौजूद एंटीबॉडी को हरा नहीं पाएगा नया वेरिएंट 
यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो और सनीब्रुक रिसर्च इंस्टीट्यूट की वायरोलॉजिस्ट समीरा मुबारेका के मुताबिक कोरोना वायरस का ये नया वेरिएंट हिरणों में ही पैदा हुआ है. बताया जाता है कि इस वायरस ने हिरणों में ही खुद को म्यूटेट किया है. अब यह उनलोगों के जिस्म में विकसित हो रहा है, जिसे हिरण से कोरोना का संक्रमण मिला था. हालांकि, अभी तक इसकी रिपोर्ट का पीयर रिव्यू नहीं हुआ है. लेकिन इसे प्रीप्रिंट सर्वर bioRxiv में प्रकाशित किया गया है. समीरा के मुताबिक अभी तक इसका कोई आंकड़ा नहीं है कि हिरणों से इंसानों में कितना कोरोना संक्रमण फैलेगा. उन्होंने कहा कि खतरा तो है ही. हालांकि, इसको लेकर सबसे अच्छी बात ये है कि कोरोना का ये नया वेरिएंट मानव शरीर में मौजूद एंटीबॉडी को हरा नहीं पाएगा. यानी इंसान बीमार नहीं होगा. यह शोध पत्र ऐसे वक्त में सामने आया है, जब एक अन्य टीम ने खुलासा किया है कि अल्फा वैरिएंट (Alpha Variant) अब भी पेंसिलवेनिया के हिरणों में पनप रहा है और म्यूटेट भी हो रहा है.