कैंसर का इलाज पूरा होने के बाद भी मरीजों को कैंसर के वापस आने की चिंता बनी रहती है. शरीर में कुछ कैंसर सेल्स रह जाने की वजह से यह दोबारा आ जाता है जो काफी खतरनाक है. कैंसर रिलैप्स होने पर शरीर कुछ संकेत देता है जिनकी मदद से इसका जल्दी पता लगाया जा सकता है. कैंसर रिलैप्स तब होता है जब इलाज के बाद भी कुछ कैंसर सेल्स शरीर में बच जात हैं और फिर से बढ़ने लगते हैं. कैंसर रिलैप्स होने पर शरीर में कुछ लक्षण दिखाई देने शुरू हो जाते हैं.
क्या हैं इसके लक्षण
पुराने लक्षणों का वापस आना
कैंसर के शुरुआत में गांठ, दर्द या त्वचा में बदलाव दोबारा दिखाई दें, तो इसे नजरअंदाज ना करें. ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों को नई गांठ दिख सकती है, या स्किन कैंसर वालों को त्वचा पर नए धब्बे दिख सकते हैं.
लगातार दर्द
शरीर के किसी भी हिस्से में लंबे समय तक रहने वाला दर्द, खासकर जहां पहले कैंसर था. यह रिलैप्स का संकेत हो सकता है. हड्डी के कैंसर में दर्द बना रह सकता है, जबकि ब्रेन ट्यूमर में सिरदर्द की शिकायत हो सकती है.
खांसी या सांस लेने में तकलीफ
लंबे समय तक खांसी, खासकर अगर उसमें खून आए, तो यह फेफड़ों के कैंसर के रिलैप्स का संकेत हो सकता है.
वजन का अचानक घटना
बिना किसी कोशिश के वजन का तेजी से कम होना कैंसर का एक सामान्य लक्षण है. यदि आपका वजन बिना कारण घट रहा है.
ब्लीडिंग या चोट के निशान
यूरिन या मल में खून आना, पीरियड्स के अलावा वजाइना से ब्लीडिंग, या बिना वजह चोट के निशान पड़ना ल्यूकेमिया या अन्य कैंसर के संकेत हो सकते हैं.
बुखार या थकान
लंबे समय तक बुखार रहना, जो दवाओं से ठीक न हो, शरीर में इन्फेक्शन या कैंसर रिलैप्स की वजह से हो सकता है.
बहुत ज्यादा थकान, जो आराम करने पर भी दूर न हो, भी चिंता का कारण है.
पाचन संबंधी समस्याएं
लगातार मतली, उल्टी, या निगलने में परेशानी, पेट या गले के कैंसर के लक्षण हो सकते हैं.
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