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पाकिस्तान में बैठे हैं पहलगाम हमले के हैंडलर : फारूक अब्दुल्ला (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

पाकिस्तान में बैठे हैं पहलगाम हमले के हैंडलर : फारूक अब्दुल्ला (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

पाकिस्तान में बैठे हैं पहलगाम हमले के हैंडलर : फारूक अब्दुल्ला (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

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IANS
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‘पाकिस्तान में बैठे हैं पहलगाम हमले के हैंडलर', फारूक अब्दुल्ला ने मौलाना मसूद अजहर को छोड़ने के फैसले को बड़ी गलती बताया (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

श्रीनगर, 2 मई (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर आईएएनएस से खास बातचीत की। उन्होंने पहलगाम की घटना को दर्दनाक बताया साथ ही पाकिस्तान पर कड़े एक्शन की मांग की।

पहलगाम आतंकी हमले पर बात करते हुए जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा, पहलगाम की घटना बहुत दर्दनाक थी, यह होना नहीं चाहिए था। उन लोगों ने इंसानियत का कत्ल किया है, जितनी भी इस घटना की निंदा की जाए, वह कम है। मैं मांग करता हूं कि आतंकियों को पकड़कर सजा दी जाए और ये सब लोगों के लिए मिसाल हो।

पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान का हाथ होने की बात पर उन्होंने कहा, पहलगाम की घटना में कोई भी हो सकता है, जब तक हम उनको पकड़ेंगे नहीं तब तक हम यह नहीं कह सकते हैंडलर कौन है। मैं कह सकता हूं कि इस हमले के पीछे वही होंगे, ये आज की बात नहीं है बल्कि उरी, पुलवामा, पठानकोट, पुंछ और मुंबई में अटैक किसने किया था? ये बात सभी लोग जानते हैं। हैंडलर तो वहीं (पाकिस्तान) बैठे हैं।

फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा, उनको (पाकिस्तान) लगा कि हम अमन से रह रहे हैं और यहां हजारों पर्यटक घूम रहे हैं। उनको यह पसंद नहीं आया और वह चाहते हैं कि जब हम 1947 में उनके साथ नहीं बने हैं तो वह जितना हमें बर्बाद कर सकेंगे, वो ऐसा करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।

पहलगाम हमले में स्थानीय नागरिकों के हाथ होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं नहीं समझता कि यह घटना किसी मदद के बिना हो सकती है, जब तक आतंकियों का कोई साथ नहीं देगा ऐसा हमला नहीं होगा। वह कहां से आए और किस तरीके से ये हमला किया? मैंने पहले भी कहा था कि जब मौलाना मसूद अजहर को छोड़ा गया था। उस समय मैंने कहा था उसको मत छोड़ें, क्या पता इस हमले में उसका भी हाथ हो, लेकिन किसी ने मेरी बात नहीं मानी और उसे लेकर चले गए। जिसने पाकिस्तान में बच्चों को मारा हो और मेरे चचेरे भाई को घर में घुसकर गोली मार दी हो। उस शख्स को हमने बड़ी मुश्किल से पकड़ा था, मगर वह उसे जहाज में बैठाकर कंधार लेकर चले गए और हमारी एक भी बात नहीं सुनी।

क्या पीओके को भारत वापस ले सकता है? इस सवाल पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा, यह देश के प्रधानमंत्री का फैसला होगा और इसमें फारूक अब्दुल्ला उनको कोई राय नहीं दे सकता है, क्योंकि वह हमारी राय मानने के लिए तैयार नहीं होते हैं।

प्रधानमंत्री के हाथ में देश सुरक्षित होने के सवाल पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा, अगर देश पीएम के हाथों में सुरक्षित नहीं होता, वह पीएम नहीं होते। आज प्रधानमंत्री को हर एक नागरिक का ख्याल रखना है और वो ऐसा कर भी रहे हैं।

पाकिस्तानियों को भारत से बाहर निकाले जाने पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा, लोग पिछले 50 साल से यहां रह रहे हैं और यहां उन्होंने शादी की और उनके बच्चे भी यही हुए हैं। मगर, अब उनको पाकिस्तान भेज दिया जा रहा है, लेकिन पाकिस्तान उनको कबूल कर नहीं रहा है। वह लोग बॉर्डर पर बैठे हुए हैं और पाकिस्तान ने बॉर्डर बंद कर दिया है। वह लोग न यहां के रहे और न ही वहां के रहे। आप क्या इंसाफ कर रहे हैं? आप उनको कहां भेजेंगे। अगर पाकिस्तान लेने के लिए तैयार नहीं है तो वह क्या करेंगे। मैं इतना ही कहना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री को इसे लेकर फैसला करना पड़ेगा कि उन्हें क्या करना है और क्या नहीं।

वक्फ मुद्दे को पहलगाम हमले से जोड़े जाने के आरोपों को उन्होंने निराधार बताया। उन्होंने कहा, वक्फ का मुद्दा और पहलगाम की घटना दोनों अलग-अलग हैं। हम इन दोनों को एक साथ नहीं जोड़ सकते। वक्फ का मामला सुप्रीम कोर्ट में है और हम उम्मीद करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले को अच्छे तरीके से देखेगा।

साथ ही उन्होंने पानी रोकने के भारत सरकार के फैसले पर कहा, हम इस ट्रीटी को लेकर कई सालों से कह रहे हैं कि इसको री-नेगोशिएट करना चाहिए। हम उस पानी से पावर तो बना रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद उनके लोग आकर यहां देखते हैं। पानी हमारा है और हम लोगों का भी इस पर पूरा हक है। हमारे यहां पहले से ही पानी की कमी है और जम्मू में भी पानी की कमी है। आज मैं समझता हूं कि बेहतरीन वक्त है, इस पानी के मसले पर काम किया जाए, ताकि जम्मू-कश्मीर को पानी मिले। हमारा ही पानी और हम लोग ही इस्तेमाल नहीं करते हैं। अब इस ट्रीटी को री-नेगोशिएट करना पड़ेगा।

फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा, अभी उंगलियां उठाने का वक्त नहीं है, इससे भारत मजबूत नहीं होगा, क्योंकि दोनों मुल्क लड़ाई की तरफ बढ़ रहे हैं। इस मामले के शांत होने के बाद जब हम उन्हें पकड़ लेंगे, तो कमीशन बैठना चाहिए और इस पर बात होनी चाहिए कि किसकी गलती है। मेरा मानना है कि किसी पर इल्जाम लगाने की जरूरत नहीं है बल्कि एक्शन होना चाहिए।

जाति जनगणना के सवाल पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जाति जनगणना बहुत अच्छी बात है, दलित कितने हैं, मुसलमान कितने हैं, सिख कितने हैं। सबको पता लगेगा और यह देश सबका है। यह दुनिया को पता लगेगा कि भारत कई रंगों का देश है और इस रंग में कितने लोग रहते हैं। इसकी मांग तो बहुत वक्त से है और जाति जनगणना होनी चाहिए।

--आईएएनएस

एफएम/केआर

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